त्योहारी सीजन से पहले आरबीआई का तोहफा, नहीं बढ़ेगी लोन की किस्त, रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर
त्योहारी सीजन से पहले आरबीआई का तोहफा, नहीं बढ़ेगी लोन की किस्त, रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर
RBI MPC Meeting भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हर 2 महीने के बाद तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक होती है। इस बैठक में Repo Rate के साथ कई और अहम फैसले भी लिए जाते हैं। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा मौद्रिक नीति बैठक की शुरुआत 4 अक्टूबर 2023 को हुई थी। आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा बैठक के फैसले का ऐलान किया गया है।
RBI MPC Meeting भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हर 2 महीने के बाद तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक होती है। इस बैठक में Repo Rate के साथ कई और अहम फैसले भी लिए जाते हैं। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा मौद्रिक नीति बैठक की शुरुआत 4 अक्टूबर 2023 को हुई थी। आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा बैठक के फैसले का ऐलान किया गया है।
RBI MPC Meeting: No Change in Repo Rate
HIGHLIGHTSफेस्टिव सीजन से पहले रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है।
महंगाई को कंट्रोल करने पर ध्यान दिया गया।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। RBI MPC MEET 2023 Big Update: देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा हर दो महीने के बाद मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होती है। यह बैठक तीन दिवसीय होती है। इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करते हैं। 4 अक्टूबर से आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक शुरू हुई थी। इस बैठक का फैसला आज आरबीआई गवर्नर द्वारा दिया गया है। फेस्टिव सीजन में इस फैसलों पर सबकी नजर बनी हुई है। इस बैठक में देश के आर्थिक स्थिति और महंगाई को ध्यान में रखकर फैसले लिए जाते हैं।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि इस बार भी बैठक में फैसला लिया गया है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि रेपो रेट यथावत 6.5 फीसदी पर बना रहेगा। आपको बता दें कि कई विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि मुद्रास्फीति (Inflation) और अन्य वैश्विक कारकों के कारण रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया जा सकता है।
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट को आसान भाषा में समझे तो यह केंद्रीय बैंक द्वारा देश के बाकी बैंकों में दिये जाने वाले कर्ज की दर होती है। बैंक इसी दर पर ग्राहकों को भी लोन की सुविधा देते हैं। अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट को कम करने का फैसला लेता है तो इसका मतलब होता है कि अब बैंक ग्राहकों को कम ब्याज दर पर होम लोन, व्हीकल और बाकी लोन देती है।
क्या है एमपीसी
आरबीआई अधिनियम 1934 के तहत, आरबीआई विकास और महंगाई को कंट्रोल करने के लिए मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदार है। एमपीसी में देश के विकास और महंगाई को कंट्रोल करने में सहायता करती है। एमपीसी बैठक में 6 सदस्य होते हैं। इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर द्वारा किया जाता है।
HIGHLIGHTSफेस्टिव सीजन से पहले रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है।
महंगाई को कंट्रोल करने पर ध्यान दिया गया।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। RBI MPC MEET 2023 Big Update: देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा हर दो महीने के बाद मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होती है। यह बैठक तीन दिवसीय होती है। इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करते हैं। 4 अक्टूबर से आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक शुरू हुई थी। इस बैठक का फैसला आज आरबीआई गवर्नर द्वारा दिया गया है। फेस्टिव सीजन में इस फैसलों पर सबकी नजर बनी हुई है। इस बैठक में देश के आर्थिक स्थिति और महंगाई को ध्यान में रखकर फैसले लिए जाते हैं।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि इस बार भी बैठक में फैसला लिया गया है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि रेपो रेट यथावत 6.5 फीसदी पर बना रहेगा। आपको बता दें कि कई विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि मुद्रास्फीति (Inflation) और अन्य वैश्विक कारकों के कारण रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया जा सकता है।
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट को आसान भाषा में समझे तो यह केंद्रीय बैंक द्वारा देश के बाकी बैंकों में दिये जाने वाले कर्ज की दर होती है। बैंक इसी दर पर ग्राहकों को भी लोन की सुविधा देते हैं। अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट को कम करने का फैसला लेता है तो इसका मतलब होता है कि अब बैंक ग्राहकों को कम ब्याज दर पर होम लोन, व्हीकल और बाकी लोन देती है।
क्या है एमपीसी
आरबीआई अधिनियम 1934 के तहत, आरबीआई विकास और महंगाई को कंट्रोल करने के लिए मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदार है। एमपीसी में देश के विकास और महंगाई को कंट्रोल करने में सहायता करती है। एमपीसी बैठक में 6 सदस्य होते हैं। इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर द्वारा किया जाता है।
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