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डिस्लेक्सिक होने की वजह से सनी दओल को पढ़ने में होती थी दिक्कत, स्कूल में टीचर से पड़ते थे थप्पड़

डिस्लेक्सिक होने की वजह से सनी दओल को पढ़ने में होती थी दिक्कत, स्कूल में टीचर से पड़ते थे थप्पड़

Gadar 2 Actor Sunny Deol Reveals He Was Dyslexic As Child गदर 2 में जबरदस्त एक्शन करने वाले तारा सिंह यानी सनी देओल को बचपन में स्कूल में खूब मार खानी पड़ती थी। एक्टर ने अपने हालिया इंटरव्यू में खुलासा किया कि बचपन में स्कूल में टीचर से खूब मार खाना पड़ता था क्योंकि उनका रिजल्ट अक्सर खराब आता था।



HIGHLIGHTSडिस्लेक्सिक थे सनी देओल
बोलने में सनी देओल को होती थी घबराहट
पढ़ाई करना सनी देओल के लिए था मुश्किल


नई दिल्ली, जेएनएन। Gadar 2 Actor Sunny Deol Reveals He Was Dyslexic As Child: सनी देओल फिल्म गदर 2 को लेकर लाइमलाइट में बने हुए हैं। तारा सिंह के किरदार में उनका एक्शन दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है। गदर 2 में सनी दुश्मनों की धुलाई करते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन कभी किसी ने उनकी भी धुलाई की थी।



दरअसल, सनी देओल ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अपने बचपन के दिनों के बारे में बात की। एक्टर ने कहा कि स्कूल के दिनों में उन्हें खराब नंबर लाने के लिए टीचर से खूब मार पड़ती थी और डफर जैसे शब्द सुनने पड़ते थे। उन्होंने इसके पीछे का कारण भी बताया। सनी देओल ने खुलासा किया की वो डिस्लेक्सिक थे, लेकिन उस दौरान उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं था।
डिस्लेक्सिक थे सनी देओल

सनी देओल ने रणवीर इलाहाबादिया के साथ बातचीत में कहा, "बचपन में मैं डिस्लेक्सिक था। उस समय, हम यह भी नहीं जानते थे कि इसका मतलब क्या है! थप्पड़ पड़ते थे, डफर है, पढ़ाई नहीं आती सुनना पड़ता था। अब भी जब पढ़ने की बात आती है, तो कभी-कभी शब्द उलझे हुए लगते हैं।"


टेलीप्रॉम्प्टर की मिली थी सलाह

सनी देओल ने पुराने दिनों को याद करते हुए ये भी बताया कि कई बार लोगों ने उन्हें पब्लिक में टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल करके बोलने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने ये कहते मना कर दिया कि- "आप मुझे बता दीजिए कि क्या कहना है, मैं बोलने की कोशिश करुंगा।"
बोलने में होती थी घबराहट

सनी देओल ने बातचीत में आगे कहा कि बचपन में उनका आईक्यू बहुत हाई था। हालांकि, डिस्लेक्सिक होने के कारण शब्द उन्हें परेशान करते थे और उन्हें बोलने में भी दिक्कत हो जाती थी। उन्होंने कहा, "इतने सालों में मेरे डिस्लेक्सिक होने का जिक्र कभी बातचीत में बाहर नहीं आया, लेकिन ये मुश्किल हो जाता था, शुरू में मुझे बोलने में घबराहट महसूस होती थी।"
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