विकसित बनने की तरफ बढ़ रहे हम, टैक्स कलेक्शन में साल दर साल बन रहा नया रिकॉर्ड
विकसित बनने की तरफ बढ़ रहे हम, टैक्स कलेक्शन में साल दर साल बन रहा नया रिकॉर्ड
Economic Development in India आजादी से बाद से भारत की अर्थव्यवस्था ने काफी तेजी से विकास किया है। मौजूदा समय में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही टैक्स कलेक्शन के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1412422 करोड़ रुपये रहा था और इस दौरान जीएसटी कलेक्शन ने भी 14 लाख करोड़ के आंकड़े को पार किया था।
31 जुलाई 2023 तक 6.77 करोड़ लोगों ने आईटीआर जमा किया है।
HIGHLIGHTSभारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3.75 ट्रिलियन डॉलर का है।
वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
इसके साथ टैक्स कलेक्शन में भी बढ़ोतरी हो रही है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Tax Collection in India 2023: भारत इस साल 15 अगस्त को 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आजादी से बाद से भारत ने अभूतपूर्व आर्थिक तरक्की की है। मौजूदा समय में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3.75 ट्रिलियन डॉलर का है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अनुमान है कि ये 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाता है।
भारत की अर्थव्यवस्था में बढ़त का असर टैक्स रेवेन्यू पर भी देखने को मिल रहा है। जीएसटी कलेक्शन के साथ इनकम टैक्स फाइलिंग के आंकड़ों में देखा जा रहा है।
इनकम टैक्स फाइलिंग का बना नया रिकॉर्ड
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, असेसमेंट ईयर 2023-24 या वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 31 जुलाई 2023 तक 6.77 करोड़ लोगों ने आईटीआर जमा किया है। इसमें पहली बार आईटीआर जमा करने वाले लोगों की संख्या 53.67 लाख थी। पिछले साल के मुकाबले असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 16.1 प्रतिशत अधिक रिटर्न फाइल किए गए हैं।
आईटीआर की संख्या बढ़ने के साथ-साथ टैक्स कलेक्शन में भी इजाफा देखा जा रहा है। इनकम टैक्स की वेबसाइट के अनुसार, 2000-01 में जहां सरकार का कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 68,305 करोड़ रुपये था। यह वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 14,12,422 करोड़ रुपये हो गया।
अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ डारेक्ट टैक्स का कलेक्शन पिछले 23 सालों में तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2000-01 में डायरेक्ट कलेक्शन कुल जमा हुए टैक्स का 36.31 प्रतिशत होता था, जो कि अब 52.27 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
बता दें, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कॉरर्पोरेट टैक्स, पर्सनल इनकम टैक्स और अन्य डायरेक्ट टैक्स को शामिल किया जाता है।
कितना बड़ा पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन?
इनकम टैक्स की वेबसाइट के मुताबिक, 2000-01 में पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 31,764 करोड़ रुपये का था, जो कि 2021-22 में बढ़कर 6,96,604 करोड़ रुपये का हो गया है।
जीएसटी कलेक्शन में बन रहे नए रिकॉर्ड
जीएसटी कलेक्शन जुलाई 2023 में बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। यह पांचवी बार था, जब जीएसटी कलेक्शन ने 1.60 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया है। इससे पहले जून में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा का 1,61,497 करोड़ रुपये रहा था।
जीएसटी को सरकार की ओर से एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। वित्त वर्ष 2017-18 में 7,19,078 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ था। वित्त वर्ष 2018-19 में ये बढ़कर 11,77,370 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2019-20 में 12,22,117 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2020-21 में 11,36,803 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 14,76,000 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन हुआ था।
Economic Development in India आजादी से बाद से भारत की अर्थव्यवस्था ने काफी तेजी से विकास किया है। मौजूदा समय में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही टैक्स कलेक्शन के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1412422 करोड़ रुपये रहा था और इस दौरान जीएसटी कलेक्शन ने भी 14 लाख करोड़ के आंकड़े को पार किया था।
31 जुलाई 2023 तक 6.77 करोड़ लोगों ने आईटीआर जमा किया है।
HIGHLIGHTSभारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3.75 ट्रिलियन डॉलर का है।
वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
इसके साथ टैक्स कलेक्शन में भी बढ़ोतरी हो रही है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Tax Collection in India 2023: भारत इस साल 15 अगस्त को 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आजादी से बाद से भारत ने अभूतपूर्व आर्थिक तरक्की की है। मौजूदा समय में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3.75 ट्रिलियन डॉलर का है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अनुमान है कि ये 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाता है।
भारत की अर्थव्यवस्था में बढ़त का असर टैक्स रेवेन्यू पर भी देखने को मिल रहा है। जीएसटी कलेक्शन के साथ इनकम टैक्स फाइलिंग के आंकड़ों में देखा जा रहा है।
इनकम टैक्स फाइलिंग का बना नया रिकॉर्ड
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, असेसमेंट ईयर 2023-24 या वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 31 जुलाई 2023 तक 6.77 करोड़ लोगों ने आईटीआर जमा किया है। इसमें पहली बार आईटीआर जमा करने वाले लोगों की संख्या 53.67 लाख थी। पिछले साल के मुकाबले असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 16.1 प्रतिशत अधिक रिटर्न फाइल किए गए हैं।
आईटीआर की संख्या बढ़ने के साथ-साथ टैक्स कलेक्शन में भी इजाफा देखा जा रहा है। इनकम टैक्स की वेबसाइट के अनुसार, 2000-01 में जहां सरकार का कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 68,305 करोड़ रुपये था। यह वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 14,12,422 करोड़ रुपये हो गया।
अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ डारेक्ट टैक्स का कलेक्शन पिछले 23 सालों में तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2000-01 में डायरेक्ट कलेक्शन कुल जमा हुए टैक्स का 36.31 प्रतिशत होता था, जो कि अब 52.27 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
बता दें, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कॉरर्पोरेट टैक्स, पर्सनल इनकम टैक्स और अन्य डायरेक्ट टैक्स को शामिल किया जाता है।
कितना बड़ा पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन?
इनकम टैक्स की वेबसाइट के मुताबिक, 2000-01 में पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 31,764 करोड़ रुपये का था, जो कि 2021-22 में बढ़कर 6,96,604 करोड़ रुपये का हो गया है।
जीएसटी कलेक्शन में बन रहे नए रिकॉर्ड
जीएसटी कलेक्शन जुलाई 2023 में बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। यह पांचवी बार था, जब जीएसटी कलेक्शन ने 1.60 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया है। इससे पहले जून में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा का 1,61,497 करोड़ रुपये रहा था।
जीएसटी को सरकार की ओर से एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। वित्त वर्ष 2017-18 में 7,19,078 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ था। वित्त वर्ष 2018-19 में ये बढ़कर 11,77,370 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2019-20 में 12,22,117 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2020-21 में 11,36,803 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 14,76,000 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन हुआ था।
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