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17 महीनों के सबसे कम रेट पर भारत ने खरीदा कच्चा तेल, पिछले महीने 74.98 डॉलर की रेट पर खरीदा Crude Oil



भारत की तेल कंपनियों ने मई, 2023 के महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार से औसतन 74.98 डॉलर प्रति बैरल की दर से कच्चे तेल की खरीद की है। यह कीमत दिसंबर, 2021 की औसत क्रूड मूल्य 73.3 डॉलर प्रति बैरल के बाद सबसे सस्ती कीमत है।

17 महीनों में सबसे सस्ती खरीद

यानी पिछले 17 महीनों के सबसे सस्ती कीमत पर कच्चे तेल की खरीद की गई है। फिर भी कंपनियां पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई राहत नहीं दे रही है। हालांकि गुरूवार को सरकारी तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर (19 किलोग्राम) की कीमत में 83.5 रुपये और हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले इंधन एटीएफ की कीमत में 07 फीसद की कटौती करने का फैसला किया है।

फैसले के बाद किसको फायदा

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कमर्शियल एलपीजी का सिलेंजर 1773 रुपये का हो गया है। इस फैसले से रेस्टोरेंट व होटल चलाने वालों को थोड़ा फायदा होगा और एविएशन कंपनियों की लागत भी कुछ कम होगी। माना जा रहा है कि देर सबेर घरेलू गैस व पट्रोल डीजल में भी कुछ राहत मिलेगी।

देश की सरकारी तेल कंपनियों ने 06 अप्रैल, 2022 के बाद से घरेलू बाजार में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके बाद 21 मई, 2022 में हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से उत्पाद शुल्क में कटौती की गई थी।
इस रेट पर भारत ने खरीदा तेल

मई, 2023 में भारत ने औसतन 109.51 डॉलर प्रति बैरल की दर से क्रूड की खरीद की थी। जून, 2022 में यह कीमत 116.01 डॉलर प्रति बैरल की थी। उसके बाद यह लगातार कम हुई है। दिसंबर, 2022 की कीमत 78.1 डॉलर रही थी। अप्रैल, 2023 में 82.76 डॉलर और मई, 2023 में 74.98 डॉलर रही है।



मंगलवार को ही पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप ¨सह पुरी एक सेमिनार में कहा था कि, दुनिया भर में ऊर्जा कीमतों में भारी उथल पुथल मची है लेकिन भारत में अप्रैल, 2022 के बाद कीमतें नहीं बढ़ने दी गई है। उन्होंने विपक्ष शासित राज्यों पर निशाना भी साधाथा कि अगर वह स्थानीय शुल्क में कटौती करें तो आम जनता को सस्ती दर पर पेट्रोल व डीजल दिया जा सकता है।
चुनावी साल के वजह से कीमतों का होगा फैसला

पेट्रोलियम सेक्टर के जानकारों का कहना है कि अब चुनावी साल है और पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों का जो भी फैसला होगा वह राजनीतिक स्तर पर होगा। नवंबर, 2023 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में चुनाव होने हैं और उसके बाद अप्रैल-मई, 2024 में आम चुनाव भी हैं।

अधिकांश अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का अनुमान है कि कच्चे तेल की कीमत अभी कुछ महीनों तक 75-85 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रह सकती है। फिर भी अनिश्चतता एक वजह है कि खुदरा कीमतों में बदलाव को लेकर शायद राय नहीं बन पा रही है।



सरकार भी नहीं चाहेगी कि एक बार कीमतें कम की जाएं और फिर कुछ महीनों बाद चुनाव के आस-पास उसे बढ़ाने की स्थिति पैदा हो जाए। हां, अगर क्रूड की कीमत मौजूदा स्तर पर अगले कुछ महीने और रह जाती है तो फिर चुनावों से पहले जनता पेट्रोल व डीजल कीमतों में राहत की उम्मीद जरूर कर सकती है।
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