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Mohsin Khan Interview: 'हाथ काटने की आ गई थी नौबत, मेरा दोबारा क्रिकेट खेलना किसी चमत्‍कार से कम नहीं'




 लखनऊ सुपरजायंट्स के तेज गेंदबाज मोहसिन खान से दैनिक जागरण के स्पोर्ट्स डेसक अभिषेक त्रिपाठी ने खास बातचीत की है। इसमें गेंदबाज ने टीम की रणनीति आईपीएल में लखनऊ के सफर और अपनी चोट को लेकर विस्तार से बातचीत की है।

लखनऊ सुपरजाइंट्स (एलएसजी) के तेज गेंदबाज मोहसिन खान का कहना है कि हाथ में चोट के बाद उन्हें भरोसा नहीं था कि वह दोबारा क्रिकेट खेल पाएंगे। उत्तर प्रदेश से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले मोहसिन ने कहा कि दोबारा उनका खेलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। अपनी चोट से लेकर मुंबई इंडियंस के विरुद्ध प्लेऑफ में टीम की तैयारियों पर अभिषेक त्रिपाठी ने मोहसिन खान से विशेष बात की।

सवाल- इस आइपीएल में अपने प्रदर्शन को लेकर क्या कहेंगे?

जवाब- शुरुआत में मैं पूरी तरह फिट नहीं था, इसलिए मैच नहीं खेल पाया। जब मुझे, कोच और स्पोर्ट स्टाफ को लगा कि मैं मैच खेलने के लिए तैयार हूं तो प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। पहले मैच में आत्मविश्वास की थोड़ी कमी थी, लेकिन जैसे-जैसे गेंदबाजी की, उससे आत्मविश्वास वापस आया। मुंबई इंडियंस के खिलाफ अंतिम ओवर से मेरा पिछले साल वाला आत्मविश्वास वापस आया। मुंबई को आखिरी ओवर में 11 रनों की जरूरत थी। मैच हाथ से फिसल रहा था और सामने कैमरन ग्रीन व टिम डेविड थे।
सवाल- मुंबई के खिलाफ मैच के अंतिम ओवर पर आप क्या सोच रहे थे?

जवाब- मैंने चीजों को सिंपल रखने की कोशिश की। मैं इधर-उधर के बारे में नहीं सोच रहा था। मैंने खुद पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं लिया, मेरे पास करने के लिए छह गेंदें थी, मैंने वो डालीं जो मेरे पक्ष में काम कर गईं। शुक्र है कि मैं जो डिलीवर करना चाहता था वो हुई। लखनऊ की टीम दो बार प्लेआफ में पहुंची है। आप दोनों बार टीम का हिस्सा रहे हो।

सवाल- लखनऊ की टीम का माहौल कैसा है?

जवाब- टीम का माहौल काफी अच्छा है। हमारे कोच, स्पोर्ट स्टाफ और टीम के मालिक चीजों को काफी आसान रखते हैं। किसी तरह का कोई दबाव नहीं रहता। सभी अच्छे से अभ्यास करते हैं। किसी भी चीज का ज्यादा भार नहीं रहता। मैच जीतने को लेकर ज्यादा दवाब नहीं रहता और इसलिए हमारी टीम पिछले साल के मुकाबले से अच्छा प्रदर्शन कर रही है। कोशिश करेंगे कि हम आने वाले मैच भी जीतें। केएल राहुल के चोटिल होने के बाद क्रुणाल कप्तान बने।

सवाल- क्रुणाल की कप्तानी के बारे में क्या कहेंगे?

जवाब- क्रुणाल भाई के साथ मैं काफी लंबे समय से खेल रहा हूं। वह अच्छी कप्तानी कर रहे हैं। उन्हें जीतने-हारने से मतलब नहीं होता है। राहुल भाई के जाने के बाद उन्होंने टीम को अच्छे से संभाला है। वह टीम के अंदर बहुत अच्छा माहौल बनाकर रखते हैं। उनकी कप्तानी में हम जीत भी रहे हैं, जो हमारे, क्रुणाल भाई और टीम सभी के लिए अच्छी बात है।

सवाल- प्लेआफ को लेकर टीम की तैयारियां कैसी हैं? फाइनल के लिए दो मैच जीतने होंगे, क्या कहेंगे?

जवाब- -- हम अभ्यास में जुटे हैं। टीम की तैयारी काफी अच्छी हैं। हम एक समय पर एक मैच को ध्यान में रखकर चल रहे हैं। पहले एलिमिनेटर खेलना है, फिर अगले मैच के बारे में सोचेंगे। एलिमिनेटर चेन्नई में खेला जाएगा।



सवाल- चेपॉक की पिच के बारे में क्या कहेंगे?

जवाब- चेन्नई की पिच के बारे में यही कहूंगा कि वहां रन बने भी हैं और नहीं भी बने हैं। जैसे भी पिच मिलेगी उसमें हम बेहतर करने की कोशिश करेंगे। जब हम मैदान में पहुंचेंगे तो पिच देखकर टीम रणनीति बनाएगी। कुछ लोग चाह रहे थे कि एलिमिनेटर में लखनऊ और आरसीबी की टक्कर हो, लेकिन अब मुंबई से मैच है।

सवाल- एलिमिनेटर में मुंबई से मैच पर क्या कहेंगे?

जवाब- एक खिलाड़ी के तौर पर हम यह कभी नहीं सोचते कि हमारा मैच इस टीम से हो या उस टीम से हो। आइपीएल में जो भी टीमें खेल रही हैं, सभी अच्छी हैं। दोनों ही टीमें यहां जीतकर आ रही हैं। हमें बस खेल पर ध्यान लगाना है। मुंबई जीती या आरसीबी हारी, इससे हमें फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हम अपने लिए खेल रहे हैं। हम मुंबई का सामना करने को तैयार हैं। पिछले एक साल में आपने हाथ की चोट के कारण काफी कुछ झेला है।

सवाल- अपने हाथ की चोट पर विस्तार से बताएं?

जवाब- ऊपर वाला न करे कि मुझे जो परेशानी और दर्द झेलना पड़ा वो किसी और झेलना पड़े। मैं बड़ा शुक्रगुजार हूं लखनऊ की टीम, संजीव गोयनका, अकरम भाई का, जिन्होंने इस मुश्किल समय में मेरी सहायता की। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने भी बहुत साथ दिया। पिछले साल आइपीएल का अंतिम मैच खेलने के बाद मेरे हाथ में हल्का-हल्का दर्द उठा था।

जब मैं घर पहुंचा तो मेरा हाथ ही उठना बंद हो गया था। मैंने डाक्टर को दिखाया तो दो-तीन महीने कुछ समझ ही नहीं आया। कुछ और ही इलाज करते रहे। एक समय मुझे लग रहा था कि चोट के कारण मेरा क्रिकेट बंद हो जाएगा। मेरा हाथ चलना बिल्कुल बंद हो गया था। फिर मैंने मुंबई को कोकिलाबेन अस्पताल में दिखाया, जहां डॉक्टर रघुराम शेखर ने सर्जरी की। उन्होंने कहा कि अगर एक- दो महीने देर हो जाती तो हाथ काटना पड़ सकता था। मैं क्रिकेट खेल रहा हूं, ये मेरे लिए चमत्कार है।

हाथ में ऐसी कौन सी बीमारी हो गई थी?

आर्टिलरी ब्लॉकेज था। मेरे हाथ की सभी नसें ब्लॉक हो गई थीं। मेरे जानने वाले और मैं काफी परेशानी हो गया था। समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं, लेकिन यूपीसीए से काफी साथ मिला। इसकी वजह से ही मैं घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेल पाया था, लेकिन अब सब ठीक है।
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