Crypto और Metaverse में हाथ आजमाने के बाद AI की ओर Mark Zuckerberg का रुख, क्या है प्लान
यह पहली बार नहीं है जब जुकरबर्ग ने अपना ध्यान एक नवीन तकनीक से दूसरी तकनीक की ओर बदल दिया है। इससे पहले जुकरबर्ग ने क्रिप्टो और मेटावर्स को लेकर भी यही रुख अख्तियार किया था।
Crypto और Metaverse में हाथ आजमाने के बाद AI की ओर Mark Zuckerberg का रुख, क्या है प्लान
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्रिप्टो और मेटावर्स पर कई तरह के प्रयोग करने के बाद मार्क जुकरबर्ग अब मेटा के भविष्य को परिभाषित करने की अपनी खोज में AI की ओर मुड़ गए हैं। 28 अक्टूबर, 2021 को फेसबुक का मेटा बनना इस बात का संकेत था कि मार्क जुकरबर्ग अपने द्वारा बनाए गए सोशल नेटवर्क को कितनी तेजी से बदलना चाहते हैं।
फेसबुक की स्थापना 2004 में हुई थी और इसने अब तक मुख्य रूप से अधिग्रहण के माध्यम से अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है। ऐसा लगता है कि जुकरबर्ग जिस चुनौती का सामना कर रहे हैं, वो कंपनी को भविष्य को निर्देशित करने वाली तकनीकों की ओर उन्मुख कर रही है।
AI की ओर जुकरबर्ग का रुख
जुकरबर्ग ने 26 अप्रैल को आय कॉल के दौरान साझा किया कि AI कंपनी के लिए व्यवसाय चला रहा है। जुकरबर्ग ने विज्ञापनदाताओं के लिए जेनेरेटिव एआई टूल्स के परीक्षण की घोषणा की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जुकरबर्ग इस बार अपने इस प्रयोग में पूरी तरह से सफल हो सकेंगे। ऐसा लगता है कि AI के साथ वे जिस दिशा में जा रहे हैं, बाजार भी उसे पसंद करेगी। नवंबर 2022 के USD88.09 के निचले स्तर से कंपनी का स्टॉक पिछले शुक्रवार को USD235 रेंज में कारोबार कर रहा था।
पहली बार नहीं कर रहें हैं ऐसा प्रयोग
यह पहली बार नहीं है जब जुकरबर्ग ने अपना ध्यान एक नवीन तकनीक से दूसरी तकनीक की ओर बदल दिया है। इससे पहले जुकरबर्ग ने क्रिप्टो और मेटावर्स को लेकर भी यही रुख अख्तियार किया था। एक विश्लेषक, जो मेटा को ट्रैक करते हैं उन्होने कहा कि, "फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप सहित, मेटा में इनमें से कम से कम एक प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए 3.4 बिलियन से अधिक है। फिर भी कंपनी को इंटरनेट के भविष्य पर अपना एल्गोरिथम सही नहीं लगता है।"
Metaverse को लेकर क्या था प्लान
जब फेसबुक को मेटा में रीब्रांड किया गया था, तो यह इस विश्वास के साथ था कि दुनिया हाइब्रिड होगी और आभासी दुनिया इमर्सिव अनुभव साझा करने में मदद करेगी। कंपनी ने 2022 में रियलिटी लैब्स में USD10 बिलियन का निवेश किया जो हार्डवेयर (वर्चुअल रियलिटी हेडसेट्स) और क्रिएटर्स पर भी ध्यान केंद्रित करता था। यह घोषणा 2021 की अंतिम तिमाही में की गई थी। तब स्थापना के बाद पहली बार मेटा ने उपयोगकर्ता वृद्धि में गिरावट की सूचना दी। कंपनी के शेयर की कीमत में भी 25% की गिरावट आई थी।
क्रिप्टो में भी आजमाए हैं हाथ
एक समय मेटा के सबसे महत्वाकांक्षी उपक्रमों में से एक ब्लॉकचैन प्रोजेक्ट, लिब्रा भी था। जनवरी 2018 के फेसबुक ब्लॉग पोस्ट में जुकरबर्ग ने पहली बार क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात की थी। उन्होंने दावा किया कि बड़ी तकनीक वाली संस्थाओं में लोगों का विश्वास खोने के साथ, एन्क्रिप्शन और क्रिप्टोकरेंसी को जोड़ने से इसका मुकाबला करने में मदद मिलेगी। जुकरबर्ग अपने इस प्लान में पूरी तरह से सफल नहीं हो सके थे।
Crypto और Metaverse में हाथ आजमाने के बाद AI की ओर Mark Zuckerberg का रुख, क्या है प्लान
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्रिप्टो और मेटावर्स पर कई तरह के प्रयोग करने के बाद मार्क जुकरबर्ग अब मेटा के भविष्य को परिभाषित करने की अपनी खोज में AI की ओर मुड़ गए हैं। 28 अक्टूबर, 2021 को फेसबुक का मेटा बनना इस बात का संकेत था कि मार्क जुकरबर्ग अपने द्वारा बनाए गए सोशल नेटवर्क को कितनी तेजी से बदलना चाहते हैं।
फेसबुक की स्थापना 2004 में हुई थी और इसने अब तक मुख्य रूप से अधिग्रहण के माध्यम से अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है। ऐसा लगता है कि जुकरबर्ग जिस चुनौती का सामना कर रहे हैं, वो कंपनी को भविष्य को निर्देशित करने वाली तकनीकों की ओर उन्मुख कर रही है।
AI की ओर जुकरबर्ग का रुख
जुकरबर्ग ने 26 अप्रैल को आय कॉल के दौरान साझा किया कि AI कंपनी के लिए व्यवसाय चला रहा है। जुकरबर्ग ने विज्ञापनदाताओं के लिए जेनेरेटिव एआई टूल्स के परीक्षण की घोषणा की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जुकरबर्ग इस बार अपने इस प्रयोग में पूरी तरह से सफल हो सकेंगे। ऐसा लगता है कि AI के साथ वे जिस दिशा में जा रहे हैं, बाजार भी उसे पसंद करेगी। नवंबर 2022 के USD88.09 के निचले स्तर से कंपनी का स्टॉक पिछले शुक्रवार को USD235 रेंज में कारोबार कर रहा था।
पहली बार नहीं कर रहें हैं ऐसा प्रयोग
यह पहली बार नहीं है जब जुकरबर्ग ने अपना ध्यान एक नवीन तकनीक से दूसरी तकनीक की ओर बदल दिया है। इससे पहले जुकरबर्ग ने क्रिप्टो और मेटावर्स को लेकर भी यही रुख अख्तियार किया था। एक विश्लेषक, जो मेटा को ट्रैक करते हैं उन्होने कहा कि, "फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप सहित, मेटा में इनमें से कम से कम एक प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए 3.4 बिलियन से अधिक है। फिर भी कंपनी को इंटरनेट के भविष्य पर अपना एल्गोरिथम सही नहीं लगता है।"
Metaverse को लेकर क्या था प्लान
जब फेसबुक को मेटा में रीब्रांड किया गया था, तो यह इस विश्वास के साथ था कि दुनिया हाइब्रिड होगी और आभासी दुनिया इमर्सिव अनुभव साझा करने में मदद करेगी। कंपनी ने 2022 में रियलिटी लैब्स में USD10 बिलियन का निवेश किया जो हार्डवेयर (वर्चुअल रियलिटी हेडसेट्स) और क्रिएटर्स पर भी ध्यान केंद्रित करता था। यह घोषणा 2021 की अंतिम तिमाही में की गई थी। तब स्थापना के बाद पहली बार मेटा ने उपयोगकर्ता वृद्धि में गिरावट की सूचना दी। कंपनी के शेयर की कीमत में भी 25% की गिरावट आई थी।
क्रिप्टो में भी आजमाए हैं हाथ
एक समय मेटा के सबसे महत्वाकांक्षी उपक्रमों में से एक ब्लॉकचैन प्रोजेक्ट, लिब्रा भी था। जनवरी 2018 के फेसबुक ब्लॉग पोस्ट में जुकरबर्ग ने पहली बार क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात की थी। उन्होंने दावा किया कि बड़ी तकनीक वाली संस्थाओं में लोगों का विश्वास खोने के साथ, एन्क्रिप्शन और क्रिप्टोकरेंसी को जोड़ने से इसका मुकाबला करने में मदद मिलेगी। जुकरबर्ग अपने इस प्लान में पूरी तरह से सफल नहीं हो सके थे।
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