Cheque से करते हैं पेमेंट तो जान लें छपे हुए इन कोड का मतलब, अधूरी जानकारी से हो सकता है नुकसान
Cheque से करते हैं पेमेंट तो जान लें छपे हुए इन कोड का मतलब, अधूरी जानकारी से हो सकता है नुकसान
आज कल ऑनलाइन पैसे भेजने का ट्रेंड है। पेमेंट बड़ी हो या छोटी लोग अब ऑनलाइन ऑप्शन को ही ज्यादा तेज और सुरक्षित और आसान मानते हैं। ऑनलाइन पेमेंट के इस जमाने में आज कल लोग और खासकर युवा चेक से पेमेंट करना एक तरह से भुल ही गए हैं।
हालांकि अभी भी कुछ लोग चेक के माध्यम से पेमेंट करना ज्यादा अच्छा और सुरक्षित मानते हैं। चेक से पेमेंट करते वक्त वो पेमेंट तो कर देते हैं लेकिन उन चेक पर छपी बारिकियों के बारें में उन्हें शायद ही पता होगा। आज हम इन्हीं चेक की बारिकियों के बारें में आपको बताने जा रहे हैं। आपको बता दें कि चेक में IFSC और MICR लिखा हुआ होता है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
क्या होता है MICR कोड ?
MICR का पूरा नाम मेग्नेटिक इंक केरेक्टर रिकॉग्निशन कोड होता है जो 9 अंकों का होता है। यह कोड उन बैंक शाखाओं की पहचान करता है जो इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ESC) का हिस्सा हैं। इस कोड का उपयोग चेक क्लियरिंग प्रोसेस में होता है।
आपके ध्यान के लिए बता दें यह कोड चेक के नीचे की ओर काले गहरे इंक में छपा होता है। यही MICR कोड होता है और जिसे सिर्फ बैंक ही डीकोड कर सकता है। इस कोड से बैंक के ब्रांच के बारे में भी पता चलता है। यह कोड कैरेक्टर रिकॉग्निशन तकनीक पर काम करता है।
क्या होता है IFSC कोड ?
IFSC कोड का पूरा नाम इंडियन फाइनेंसियल सर्विस कोड होता है जो ग्यारह अंकों की संख्या होती है। इस कोड का इस्तेमाल NEFT, IMPS और RTGS ट्रांजेक्शन में किया जाता है। यह कोड आपके चेक बुक की लीफ पर भी लिखा होता है।
MICR और IFSC कोड में क्या अंतर ?
एक तरफ जहां IFSC Code का इस्तेमाल देश के अंदर ही ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के लिए किया जाता है। तो वहीं दूसरी तरफ MICR कोड का इस्तेमाल ग्लोबली फंड ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
IFSC Code में बेंक कोड के अलावा ब्रांच कोड होता है, वहीं, MICR Code में बैंक और ब्रांच कोड के साथ-साथ पिन कोड भी होता है।
आज कल ऑनलाइन पैसे भेजने का ट्रेंड है। पेमेंट बड़ी हो या छोटी लोग अब ऑनलाइन ऑप्शन को ही ज्यादा तेज और सुरक्षित और आसान मानते हैं। ऑनलाइन पेमेंट के इस जमाने में आज कल लोग और खासकर युवा चेक से पेमेंट करना एक तरह से भुल ही गए हैं।
हालांकि अभी भी कुछ लोग चेक के माध्यम से पेमेंट करना ज्यादा अच्छा और सुरक्षित मानते हैं। चेक से पेमेंट करते वक्त वो पेमेंट तो कर देते हैं लेकिन उन चेक पर छपी बारिकियों के बारें में उन्हें शायद ही पता होगा। आज हम इन्हीं चेक की बारिकियों के बारें में आपको बताने जा रहे हैं। आपको बता दें कि चेक में IFSC और MICR लिखा हुआ होता है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
क्या होता है MICR कोड ?
MICR का पूरा नाम मेग्नेटिक इंक केरेक्टर रिकॉग्निशन कोड होता है जो 9 अंकों का होता है। यह कोड उन बैंक शाखाओं की पहचान करता है जो इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ESC) का हिस्सा हैं। इस कोड का उपयोग चेक क्लियरिंग प्रोसेस में होता है।
आपके ध्यान के लिए बता दें यह कोड चेक के नीचे की ओर काले गहरे इंक में छपा होता है। यही MICR कोड होता है और जिसे सिर्फ बैंक ही डीकोड कर सकता है। इस कोड से बैंक के ब्रांच के बारे में भी पता चलता है। यह कोड कैरेक्टर रिकॉग्निशन तकनीक पर काम करता है।
क्या होता है IFSC कोड ?
IFSC कोड का पूरा नाम इंडियन फाइनेंसियल सर्विस कोड होता है जो ग्यारह अंकों की संख्या होती है। इस कोड का इस्तेमाल NEFT, IMPS और RTGS ट्रांजेक्शन में किया जाता है। यह कोड आपके चेक बुक की लीफ पर भी लिखा होता है।
MICR और IFSC कोड में क्या अंतर ?
एक तरफ जहां IFSC Code का इस्तेमाल देश के अंदर ही ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के लिए किया जाता है। तो वहीं दूसरी तरफ MICR कोड का इस्तेमाल ग्लोबली फंड ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
IFSC Code में बेंक कोड के अलावा ब्रांच कोड होता है, वहीं, MICR Code में बैंक और ब्रांच कोड के साथ-साथ पिन कोड भी होता है।
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