असम, मेघालय के मुख्यमंत्री सीमा विवाद पर करेंगे चर्चा, 6 क्षेत्रों में चल रहे डिस्प्यूट पर होगी बातचीत
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके मेघालय समकक्ष कोनराड संगमा बुधवार को मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात का मकसद दोनों राज्यों के बीच 6 शेष क्षेत्रों में सीमा विवाद को हल करने को लेकर चर्चा करना है।
असम, मेघालय के मुख्यमंत्री सीमा विवाद पर करेंगे चर्चा, 6 क्षेत्रों में चल रहे डिस्प्यूट पर होगी बातचीत
गुवाहाटी, एजेंसी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके मेघालय समकक्ष कोनराड संगमा बुधवार को मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात का मकसद दोनों राज्यों के बीच 6 शेष क्षेत्रों में सीमा विवाद को हल करने को लेकर चर्चा करना है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा सद्भावना के तौर पर विवादित क्षेत्रों का दौरा करने की भी संभावना है।
12 क्षेत्रों में पैदा हुआ था विवाद
मेघालय को 1972 में असम से एक अलग राज्य के रूप में बनाया गया था और इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 (Assam Reorganisation Act, 1971) को चुनौती दी थी, जिससे दोनों राज्यों के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा के 12 क्षेत्रों में विवाद पैदा हो गया था।
सरमा ने मई, 2021 में मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद घोषणा की थी कि उनकी प्राथमिकता पड़ोसी राज्यों के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद (long-standing boundary disputes) को सुलझाना है।
2021 में हुआ था तीन समितियों का गठन
इसके बाद, मुद्दों को चरणबद्ध तरीके से हल करने के लिए अगस्त 2021 में तीन क्षेत्रीय समितियों का गठन किया गया था।
क्षेत्रीय समितियों ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं जो दो मुख्यमंत्रियों द्वारा नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी गईं, जिसके बाद 29 मार्च, 2022 को 12 क्षेत्रों में से 6 विवादों को हल करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौते के अनुसार, पहले चरण में निपटारे के लिए 36.79 वर्ग किलोमीटर विवादित क्षेत्र लिया गया था, जिसमें असम को 18.51 वर्ग किलोमीटर और मेघालय को 18.28 वर्ग किलोमीटर भूमि पर पूर्ण नियंत्रण मिला था।
असम, मेघालय के मुख्यमंत्री सीमा विवाद पर करेंगे चर्चा, 6 क्षेत्रों में चल रहे डिस्प्यूट पर होगी बातचीत
गुवाहाटी, एजेंसी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनके मेघालय समकक्ष कोनराड संगमा बुधवार को मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात का मकसद दोनों राज्यों के बीच 6 शेष क्षेत्रों में सीमा विवाद को हल करने को लेकर चर्चा करना है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा सद्भावना के तौर पर विवादित क्षेत्रों का दौरा करने की भी संभावना है।
12 क्षेत्रों में पैदा हुआ था विवाद
मेघालय को 1972 में असम से एक अलग राज्य के रूप में बनाया गया था और इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 (Assam Reorganisation Act, 1971) को चुनौती दी थी, जिससे दोनों राज्यों के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा के 12 क्षेत्रों में विवाद पैदा हो गया था।
सरमा ने मई, 2021 में मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद घोषणा की थी कि उनकी प्राथमिकता पड़ोसी राज्यों के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद (long-standing boundary disputes) को सुलझाना है।
2021 में हुआ था तीन समितियों का गठन
इसके बाद, मुद्दों को चरणबद्ध तरीके से हल करने के लिए अगस्त 2021 में तीन क्षेत्रीय समितियों का गठन किया गया था।
क्षेत्रीय समितियों ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं जो दो मुख्यमंत्रियों द्वारा नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी गईं, जिसके बाद 29 मार्च, 2022 को 12 क्षेत्रों में से 6 विवादों को हल करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौते के अनुसार, पहले चरण में निपटारे के लिए 36.79 वर्ग किलोमीटर विवादित क्षेत्र लिया गया था, जिसमें असम को 18.51 वर्ग किलोमीटर और मेघालय को 18.28 वर्ग किलोमीटर भूमि पर पूर्ण नियंत्रण मिला था।
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