कर्ज की सीमा बढ़ाने को लेकर अमेरिका में राजनीतिक खींचतान तेज

USA Debt अमेरिका में कर्ज की सीमा को बढ़ाने को लेकर राजनीति चरम पर है। राष्ट्रपति जो बाइडन बजट प्लान पेश कर चुके हैं जिसे हाउस स्पीकर की ओर से खारिज कर दिया गया है। इसका असर आने वाले समय में बाजार पर दिख सकता है।
अमेरिका में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन के बीच फेडरल कर्ज की सीमा को बढ़ाने को लेकर खींचतान बनी हुई है। कर्ज की सीमा के उभरते हुए संकट को दूर करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और कांग्रेस को मजबूर करने का एक तरीका शेयर बाजार का क्रैश है। ऐसा अमेरिका में कई अर्थशास्त्रियों का मानना है।
कुछ समय पहले राष्ट्रपति बाइडन ने राजस्व घाटे को कम करने के लिए एक बजट प्लान पेश किया था, जिसमें बताया गया था कि कैसे सरकार आने वाले दशक में 2.9 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज कम करेगी। हालांकि, बाइडन के इस प्रस्ताव को हाउस स्पीकर केविन मैककार्थी ने अपर्याप्त बताते हुए खारिज कर दिया। इसके अगले दिन हाउस फ्रीडम कॉकस में रिपब्लिकन ने कर्ज की सीमा को लेकर अपनी मांगों को रखा, जिसे व्हाइट हाउस ने तुरंत खारिज कर दिया।

अमेरिका के सामने बड़ा संकट
अगर कर्ज की सीमा बढ़ाने को लेकर अमेरिका में राजनीतिक खींचतान ऐसे ही चलती रहती है और इस पर कुछ तय नहीं हो पाता है, तो संभव है कि जून की शुरुआत में अमेरिकी सरकार के पास अपने बिलों के भुगतान के लिए भी राशि नहीं होगी। इस कारण डिफॉल्ट होने का खतरा भी बना हुआ है।
इस संकट पर बाइडन ने कहा था कि हर बड़ा वित्तीय संस्थान, रूढ़िवादी और उदारवादी कहना है कि यह बड़े पैमाने पर मंदी का कारण बन सकता है।
बैलेंस बजट की कोशिश
बाइडन ने प्रशासन के द्वारा पेश किए गए कर्ज कम करने के प्लान में अमीरों पर अधिक टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स बढ़ाने की बात कही गई थी। इसे लेकर मैककार्थी का कहना है कि उनकी कोशिश होगी कि सरकार के साथ एक ऐसी डील पर पहुंचा जाए, जहां बैलेंस एप्रोच हो।
शेयर बाजार के लिए बेहद अहम
विश्लेषकों का कहना है यह इवेंट बाजार के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है और डिफॉल्ट के डर कुछ असर बाजार में देखने को मिल सकता है।
Labels
Business
Post A Comment
No comments :