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ई-फार्मा कंपनियों को DCGI के नोटिस के बाद सरकार का रुख सख्त, शिकंजा कसने की तैयारी



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केंद्र सरकार ने ई-फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसने का मन बना लिया है। पिछले हफ्ते देश की बड़ी 20 ई-फार्मा कंपनियों को ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) का नोटिस इसी कड़ी में है। वैसे बड़ी कंपनियों की ताकत को देखते हुए सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहती है।
केंद्र सरकार ने ई-फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसने का मन बना लिया है। पिछले हफ्ते देश की बड़ी 20 ई-फार्मा कंपनियों को ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) का नोटिस इसी कड़ी में है। वैसे बड़ी कंपनियों की ताकत को देखते हुए सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहती है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार ई-फार्मा कंपनियों के दवा कारोबार पर बढ़ते प्रभुत्व और मरीजों के डाटा के दुरुपयोह की आशंका और कमजोर निगरानी तंत्र को सरकार भविष्य में बड़े खतरे के रूप में देख रही है और उससे निपटने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।

ई-प्रिस्किप्शन जारी करने वाले डाक्टर की प्रामाणिकता होती है संदेहास्पद

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ई-फार्मा का पूरा बिजनेस ही बंद होना चाहिए क्योंकि यह ड्रग्स एंड कासमेटिक्स एक्ट के नियमों के खिलाफ काम कर रहा है। इसी एक्ट का हवाला देते हुए पिछले हफ्ते डीसीजीआइ ने ई-फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब देने को कहा था। सूत्रों के अनुसार ई-फार्मा कंपनियां उन दवाओं को भी बेच रही हैं, जिन्हें अनिवार्य रूप से सिर्फ डाक्टर के प्रिस्किप्शन पर पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा बेचा सकता है। इसके लिए ये कंपनियां ई-प्रिस्किप्शन जारी करती हैं, लेकिन ई-प्रिस्किप्शन जारी करने वाले डाक्टर की प्रामाणिकता संदेहास्पद होती है।
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