अदाणी मामले में छिपाने के लिए कुछ नहीं तो जेपीसी जांच से क्यों भाग रही सरकार: जयराम रमेश
बजट सत्र के दूसरे चरण में भी विपक्ष के जेपीसी की मांग से पीछे नहीं हटने की बात कहते हुए जयराम ने कहा कि हमें सदन में निलंबित कर और नोटिस देकर डराने और चुप कराने की कोशिश हो रही है कांग्रेस इन हथकंडों से डरने वाली नहीं है।
कांग्रेस ने अदाणी विवाद मामले में गृहमंत्री अमित शाह के छिपाने के लिए कुछ नहीं होने के दावे पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो वह संयुक्त संसदीय समिति की जांच से क्यों भाग रही है।
पार्टी के संचार महासचिव का बयान
पार्टी के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जेपीसी गठित होती है तो इसमें भाजपा के सांसदों का बहुमत होगा और उसके सदस्य ही अध्यक्ष होंगे फिर जेपीसी जांच कराना तो दूर रिकार्ड से इस मांग को हटाया क्यों जा रहा है? पार्टी ने यह भी साफ करने की कोशिश कि अदाणी मामले पर उसका रुख उद्योग और निजी निवेश के खिलाफ नहीं है।
जयराम रमेश ने उठाया सवाल
जयराम रमेश ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग की जांच कराने पर सहमति व्यक्त करती है तो अदाणी पर लगे आरोपों की जेपीसी जांच में क्या दिक्कत है जबकि पूर्व में शेयर बाजार से जुड़े हर्षद मेहता और केतन पारिख कांड में जेपीसी जांच का उदाहरण हमारे सामने है।
जेपीसी को जरूरी : जयराम रमेश
अदाणी मामले की निष्पक्ष जांच के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर और सेबी प्रमुख को अपनी ओर से लिखे गए पत्र की कॉपी का हवाला देते हुए जयराम ने कहा कि वित्तीय नियामक एजेंसियों को भी अपनी तरफ से जांच करनी चाहिए और हमारा मानना है कि विशेषज्ञ पैनल सरकार और अदाणी के संबंधों की जांच नहीं करेगा। इसीलिए हम जेपीसी को जरूरी मान रहे हैं।
जयराम ने दिया संदेश
अदाणी मामले पर कांग्रेस का रुख उद्योगों के विरूद्ध नहीं होने का संदेश देते हुए जयराम ने कहा कि पार्टी न केवल उदारीकरण का समर्थन करती है बल्कि 1991 में मनमोहन सिंह ने बतौर वित्तमंत्री इसकी शुरूआत की थी। कांग्रेस हमेशा निजी निवेश के पक्ष में है और मानती है कि अगले कुछ दशकों तक देश की तरक्की निजी निवेश पर ही निर्भर है। लेकिन यह निजी निवेश नियमों और कायदों के आधार पर नियामक एजेंसियों की पारदर्शी प्रणाली से होनी चाहिए।
माफी मांगने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है: अदाणी
हमारी लड़ाई मित्रवादी पूंजीवाद से है जिसके जरिए अदाणी को फायदा पहंचाया गया है। बेशक हम अंधाधुंध निजीकरण के भी खिलाफ हैं जिसके तहत मौजूदा सरकार में लाभकारी सरकारी कंपनियों को बेचा जा रहा है। बजट सत्र के दूसरे चरण में भी विपक्ष के जेपीसी की मांग से पीछे नहीं हटने की बात कहते हुए जयराम ने कहा कि हमें सदन में निलंबित कर और नोटिस देकर डराने और चुप कराने की कोशिश हो रही है कांग्रेस इन हथकंडों से डरने वाली नहीं है।
अदाणी मामले में राहुल गांधी से माफी की भाजपा की मांग को खारिज करते हुए जयराम ने कहा कि माफी मांगने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है बल्कि राहुल गांधी तो स्पीकर को सदन में उनके भाषण के अंश को रिकार्ड से हटाने को लेकर पत्र लिख रहे हैं।
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