छतरीवाली एक्ट्रेस प्राची शाह ने कहा, बॉलीवुड को बरकरार रखनी चाहिए कथक की शुद्धता, विदेश में है इस कला की कद्र
छोटे पर्दे की दुनिया में नाम कमा चुकीं एक्ट्रेस प्राची शाह बड़े पर्दे पर भी उतना ही कमाल का प्रदर्शन करती हैं। हाल ही में उन्हें फिल्म छतरीवाली में देखा गया। प्राची असल जिंदगी में एक्ट्रेस होने के साथ-साथ कथंत नृत्यांगना भी हैं।
कई लोग अभिनय की पूरी पढ़ाई करके इस क्षेत्र में उतरते हैं, वहीं कई कलाकार ऐसे भी हैं, जो अपने अनुभवों से सीखते हैं। लगभग 23 वर्ष से टीवी और फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहीं प्राची शाह भी उन्हीं कलाकारों में शामिल हैं। हाल ही में फिल्म 'छतरीवाली' में अहम भूमिका में दिखीं प्राची कथक नृत्यांगना भी हैं। वह देश-विदेश में कथक परफार्म भी करती हैं।
वह कहती है, 'कथक मेरे अभिनय में एक महत्वपूर्ण भूमिका में रहा है। मैंने अभिनय का प्रशिक्षण नहीं लिया है। जैसे-जैसे बड़ी होती गई, नृत्य की वजह से अभिनय की तरफ नजरिया बदलता गया, मेरी अभिनय कला में निखार आया। 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से पहले तक मुझे पता नहीं था कि मैं अभिनय भी कर सकती हूं।
काम ही मेरा अनुभव और कार्यशाला
अभिनय को लेकर कोई कार्यशाला करने का भी समय नहीं मिला। काम ही मेरा अनुभव और कार्यशाला बनता गया। किसी भी तरह का औपचारिक प्रशिक्षण मदद तो करता ही है। फिर आप उस कौशल को कितना आगे बढ़ाते हैं, वह आपकी प्रतिभा पर निर्भर करता है। अनुभव और डांस मेरे लिए इस पेशे में प्लस प्वांइट रहा है। लोगों से मिलते-जुलते, दूसरे कलाकारों की तैयारी देखते हुए मैं सीखती चली गई।
फिल्म में वरिष्ठ कलाकारों के साथ काम करने पर पता चलता है कि अभिनय में यह आयाम भी हो सकता है। मुझे अच्छा काम मिल रहा है और मैं इससे खुश हूं। मुझे लालची नहीं बनना, जो हो रहा है, अच्छे के लिए हो रहा है।'
विदेशी लोगों में कथक सीखने की चाह
विदेश में कथक परफार्म करने के अनुभवों को साझा करते हुए प्राची कहती हैं,'वहां कला की काफी कद्र की जाती है। कई बार हम भारतीय भूल जाते हैं कि हमारी संस्कृति नृत्य कला में कितनी समृद्ध है। विदेश में मैंने देखा है कि लोगों में इसे सीखने की चाह है। मैं भी इसे अपनी जिम्मेदारी मानती हूं कि इसे सही तरीके से उन लोगों तक पहुंचाऊं।
बालीवुड का क्लासिकल कथक पर बहुत प्रभाव है। मैं चाहती हूं कि उसमें संतुलन लाया जाए। मैं खुद बालीवुड से हूं, तो इसे गलत नहीं कहूंगी, लेकिन इस नृत्य की शुद्धता बरकरार रखनी चाहिए। इससे इस कला को सम्मान मिलेगा। मैं प्रयास करती हूं कि इसे शुद्ध तरीके से इंटरनेट मीडिया पर प्रस्तुत करती रहूं।'
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Mirchmasala
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