अटक गया जमीयत का BJP को घेरने का एजेंडा, अरशद मदनी के विवादास्पद बयान से दोनों समुदाय में नाराजगी
मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) के विवादास्पद बयानों से हिंदू-मुस्लिम दोनों वर्ग ने नाराजगी जताई है। अब विवाद ठंडा होने का इंतजार है। फिलहाल 15 सूत्रीय पारित एजेंडा ठंडे बस्ते में है। विवाद को शांत करने के लिए दोनों मौलाना ने चुप्पी साध ली है।
मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) द्वारा अल्लाह और ओम को एक बताने के विवादित बयान ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने के एजेंडे को पटरी से उतार दिया है। फिलहाल विवादास्पद बयान से हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय में नाराजगी है।
हिंदू समाज में इसे जहां हिंदू धर्म पर इस्लाम को श्रेष्ठ दिखाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है तो इस्लाम को ओम से जोड़ने तथा इसे भारतीय धर्म बताने पर मुस्लिम समाज के एक तबके में नाराजगी है। इसी तरह इस बयान को अरशद व महमूद मदनी गुट में बंटी जमीयत के आपसी विवाद को भी नई हवा दे दी है। ऐसे में फिलहाल मौलाना अरशद मदनी और मौलाना महमूद मदनी दोनों बैकफुट पर हैं और अब चुप्पी साध रखी है।
वैसे, महमूद मदनी गुट के जमीयत के पदाधिकारियों में अरशद मदनी के बयान व अनचाहे विवाद को लेकर नाराजगी देखी जा रही है, लेकिन आलाकमान के आदेश पर अभी इस मुद्दे सार्वजनिक बयानबाजी से बच रहे हैं। अरशद मदनी जहां कुछ दिनों के लिए देश से बाहर चले गए हैं। इसके साथ ही महाधिवेशन में पारित 15 सूत्रीय एजेंडे को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, जिसमें समान नागरिक संहिता, मुस्लिमों के लिए आरक्षण, मुस्लिम समाज के प्रति विरोध का माहौल व मदरसों की जांच को लेकर केंद्र व राज्यों में भाजपा सरकारों को घेरने का अभियान तेज करने का निर्णय प्रमुख है। इसके साथ ही मुस्लिमों में शरीयत कानून के पालन को बढ़ावा देने की कोशिशें भी हैं।
इसका, महमूद मदनी ने भारत जितना भागवत-मोदी का उतना महमूद का भी, बयान देकर आगाज किया था, लेकिन रामलीला मैदान में महमूद मदनी द्वारा महाधिवेशन के अंतिम दिन बुलाई गई सर्वधर्म सभा में अरशद मदनी ने विवादित बयान दे दिया था, जिसका जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि कड़ा प्रतिवाद करते हुए मंच का बहिष्कार कर दिया। इसी की चर्चा फिलहाल जोरों पर चल रही है।
विहिप का तंज, मदरसों व मस्जिदों में लिखा जाए ओम
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अरशद मदनी के बयान पर तंज कसते हुए मांग की है कि देश के सभी मदरसों व मस्जिदों में ओम लिखा बोर्ड लगाया जाना चाहिए। साथ ही वहां आदर व श्रद्धा के साथ ओम का उच्चारण भी किया जाना चाहिए।
विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि जब मदनी ने कहा है कि अल्लाह और ओम एक ही हैं, तो फिर ओम का बोर्ड टांगने और ओम के उच्चारण में क्या दिक्कत है। इसी तरह उन्होंने महमूद मदनी द्वारा भारत को इस्लाम की मातृभूमि बताने पर मांग करते हुए कहा कि फिर वंदेमातरम कहने में क्या बुराई।
Labels
Desh
Post A Comment
No comments :