M मोदी ने नहीं की देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीलवाड़ा के मालासेरी डूंगरी में गुर्जरों से कहा कि आपका और हमारा गहरा नाता है। भगवान देवनारायण का जन्म कमल पर हुआ है और हमारी तो पैदाइश ही कमल से है। उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि देवनारायण के जन्म का 1111वां वर्ष और भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली है। जी-20 के लोगो में दुनिया को कमल पर बैठाया है।
मोदी गुर्जरों के लोक देवता देवनारायण भगवान के जन्मोत्सव में शामिल हुए। दर्शन के बाद सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भगवान देवनारायण का बुलावा आए तो कोई मौका नहीं छोड़ता, इसीलिए मैं हाजिर हो गया।
ये कोई प्रधानमंत्री यहां नहीं आया है, मैं पूरे भक्तिभाव से आप ही की तरह एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूं। उन्होंने कहा भगवान देवनारायण को याद करते हुए कहा कि 31 वर्ष की उम्र में सिद्ध हो जाना किसी अवतार के लिए ही संभव है।
उन्होंने कहा- मुझे यज्ञशाला में पूर्णाहुति में देने का भी सौभाग्य मिला। मेरे लिए यह भी सौभाग्य का विषय है कि मुझे जैसे सामान्य व्यक्ति को आज आपके बीच आकर भगवान देवनारायण का और उनके भक्तों का आशीर्वाद प्राप्त करने का पुण्य मिला है।
मोदी ने कहा कि हम भारत के हजारों वर्षों पुराने अपने इतिहास, संस्कृति और सभ्यता पर गर्व करते हैं। दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के समाप्त हो गई।
परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाई। भारत को भी भाैगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन भारत को कोई ताकत समाप्त नहीं कर पाई।
मोदी ने कहा कि भारत सिर्फ एक भू-भाग नहीं है, बल्कि हमारी श्रृद्धा की एक अभिव्यक्ति है, इसलिए वैभवशाली भविष्य की नींव भारत रख रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा, सबसे शक्ति हमारे समाज की है।
नहीं मिल रहा है हक
मोदी ने कहा कि गुर्जर समाज शौर्य-पराक्रम और देशभक्ति का पर्याय रहा है। राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा में हर वक्त प्रहरी की भूमिका निभाई है। गुर्जर समाज के युवा जो हकदार थे, उनको उनका हम नहीं मिला। युवा भगवान देवनारायण के संदेशों को और मजबूती से आगे बढ़ाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का ये समय भारत और राजस्थान के लिए बहुत अहम है।
हमें एकजुट होकर विकास के लिए काम करना है। पूरी दुनिया भारत की ओर उम्मीदों से देख रही है। भारत ने जिस तरह पूरी दुनिया को सामर्थ्य दिखाया है, उसने शूरवीरों की इस धरती का भी गौरव बढ़ाया है। भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है। भारत अपनी निर्भरता दूसरों पर कम कर रहा है। ऐसी बात जो देश की एकता के लिए खिलाफ है, उससे दूर रहना है।
हमने सभी के लिए दरवाजे खोले हैं
मोदी ने कहा कि बीते 8-9 सालों से समाज के उपेक्षित, वंचित वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है। वंचितों को वरियता देने के मंत्र लेकर हम चल रहे हैं। आप याद करें कि राशन कितना मिलेगा, मिलेगा या नहीं, यह बड़ी चिंता होती थी। आज हर लाभार्थी को मुफ्त राशन पूरा मिल रहा है, अस्पताल में मुफ्त इलाज, घर-शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन की चिंता दूर कर दी है।
बैंक से लेन-देन कम लोगों को नसीब था, आज सबके लिए दरवाजे खोल दिए हैं। मोदी ने कहा कि पानी का क्या महत्व होता है, ये राजस्थान से बेहतर कौन जान सकता है, लेकिन आजादी अनेक दशकों बाद भी देश में 16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को संघर्ष करना पड़ता था, बीते साढ़े 3 साल के भीतर देश में हुए प्रयास के कारण 11 करोड़ परिवारों तक पाइप से पानी पहुंच रहा है।
9 राज्यों से पहुंचे हैं लोग
यहां मोदी भगवान देवनारायण के 1111वें जन्मोत्सव के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। इस मौके पर वे देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा भी कर सकते हैं।
देश के 9 राज्यों में बसे गुर्जर समाज के लोग शुक्रवार रात से ही यहां पहुंचे हैं। करीब 3 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और मध्यप्रदेश के लोग पहुंच रहे हैं।
पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
पीएम मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस ने आसींद क्षेत्र को छावनी में बदल दिया है।
यहां पर सुरक्षा के लिए भीलवाड़ा सहित आसपास के सभी जिलों की रिजर्व पुलिस फोर्स को आसींद में लगाया गया है। करीब 7 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी मुस्तैद हैं।
मालासेरी डूंगरी को लाइटों की रोशनी से सजाया गया है। इस बार यहां 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने के उम्मीद है।
आसींद में आना वाला ट्रैफिक डायवर्ट
भगवान देवनारायण के जन्मोत्सव के चलते कस्बे में यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के लिए आसींद से गुजरने वाले सभी वाहनों के रास्तों को डायवर्ट कर दिया गया है। इसके तहत भीलवाड़ा मांडल चौराहे से आसींद आने वाले सभी बड़े वाहनों के लिए रास्ता बंद कर दिया है। यह वाहन गुलाबपुरा होते हुए भीम जा सकते हैं। वहीं, भीम से आने वाले वाहनों से लिए भी यही सुविधा रहेगी।
उदयपुर एयरपोर्ट पर भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र का स्वागत किया।
केंद्रीय मंत्री मेघवाल व प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने रात को ही संभाली कमान
पीएम मोदी के मालासेरी आने के चलते केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया शुक्रवार रात को मालासेरी पहुंच गए। यहां उन्होंने पीएम मोदी की होने वाली जनसभा के पंडाल में व्यवस्थाओं की जानकारी ली। पार्टी कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रात तीन बजे से ही रास्ते में भारी जाम
गुर्जर समाज के भगवान का जन्मोत्सव और उसमें मोदी के आने से लोगों में उत्साह है। बड़ी संख्या में लोग मालासेरी पहुंच रहे हैं। शुक्रवार रात व शनिवार सुबह तीन बजे से आसींद से मालासेरी जाने वाले रास्ते पर जाम लगा हुआ है।
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ये हैं मालासेरी डूंगरी में भगवान देवनारायण का जन्म स्थान। यहां पहले रोटा का मीठा प्रसाद बनाया जाता है। जिसे भगवान देवनारायण के भोग लगाया जाता है।
क्यों खास है मालासेरी डूंगरी
मालासेरी डूंगरी आसींद उपखंड से 5 किलोमीटर दूर है। बताया जाता है कि 1111 साल पहले भगवान देवनारायण की माता साडू ने यहां पर तपस्या की थी। इससे खुश होकर भगवान विष्णु ने स्वयं संवत 968 माध माह की सप्तमी को जन्म दिया था।
भगवान देवनारायण का जन्म मालासेरी डूंगरी की सबसे ऊपरी चोटी पर जमीन फटकर अंदर से निकले कमल के फूल की नाभि में हुआ था। इसीलिए यह मंदिर गुर्जर समाज का एकमात्र आस्था का स्थल है।राजस्थान के लोक देवता और गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
माना जाता है कि भगवान विष्णु से प्राप्त शक्तियों का उपयोग देवनारायण ने लोगों की भलाई के लिए किया। यही वजह है कि लोग उन्हें भगवान मानकर पूजते हैं। वे अपने ननिहाल मप्र के देवास में पले बढ़े। उन्होंने शिक्षा के साथ घुड़सवारी और हथियार चलाना सीखा।
शिप्रा नदी के तट पर भगवान विष्णु की कठिन साधना की। गुरुओं से तंत्र शिक्षा प्राप्त की। आठवीं शताब्दी में उन्होंने अजमेर में शासन किया था। भगवान देवनारायण और उनके पिता राजा सवाई भोज के जीवन की कहानी देवनारायण की फड़ नाम के ग्रंथ में लिखी गई है जो बहुत लोकप्रिय है।
मालासेरी मंदिर विकास समिति ने बुलाया, प्रधानमंत्री ने स्वीकारा
प्रधानमंत्री के इस दौरे के लिए मालासेरी मंदिर विकास समिति से 19 नवंबर को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया था। इसके बाद लगातार ट्रस्ट की ओर से कोशिश की गई। जनवरी के पहले सप्ताह में पीएमओ की ओर से इस कार्यक्रम को लेकर अनुमति मिली। इसके बाद कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हुई। मालासेरी मंदिर के पुजारी हेमराज का कहना है कि हम साल में 2 कार्यक्रम बड़े करते हैं। हमने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्थानीय केंद्रीय मंत्रियों, विधायकों, सांसदों से मांग की थी। पहली बार कोई प्रधानमंत्री यहां आ रहा है।
गुर्जर वोट बैंक को साधने की कोशिश में बीजेपी
धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता के इतर राजनीतिक रूप से भी यह कार्यक्रम बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण होगा। बीजेपी इस कार्यक्रम के माध्यम से गुर्जरों को साधने की कोशिश करेगी। जिस आसींद विधानसभा में यह कार्यक्रम है, यहां भी करीब 45 हजार गुर्जर वोटर हैं।
इस विधानसभा में वे तीसरा सबसे शक्तिशाली वोट बैंक है। इसी तरह राजस्थान में करीब 75 विधानसभा सीटों पर गुर्जर अपना प्रभाव रखते हैं। इसके अलावा कई अन्य राज्यों में भी इस समाज का राजनीति प्रभाव है।
मोदी का आराध्य और महापुरुषों पर फोकस
धार्मिक कार्यक्रमों और मान्यताओं को लेकर प्रो-एक्टिव माने जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में लोकदेवताओं, स्थानीय महापुरुषों और आराध्य पर फोकस किया है। राजस्थान में देवी-देवताओं के साथ-साथ स्थानीय लोक देवताओं और अपने आराध्य को लेकर लोगों में बड़ी मान्यता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी का फोकस राजस्थान में इन्हीं पर है।
इससे पहले भी 1 नवंबर को मोदी मानगढ़ धाम गए थे। मानगढ़ धाम को आदिवासियों का पवित्र स्थल माना जाता है। यहां गोविंद गिरी के नेतृत्व में 1500 से ज्यादा आदिवासियों ने बलिदान दिया था। पीएम मोदी ने इस दौरे से राजस्थान और गुजरात के आदिवासियों को साधने की कोशिश की थी। यहां भी आदिवासियों में गोविंद गिरी की बड़ी मान्यता है।
वसुंधरा राजे को विशेष आमंत्रण, राजे ने बनाया था पैनोरमा
इस कार्यक्रम के लिए ट्रस्ट ने कई नेताओं को इनवाइट किया है। इनमें बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यपाल कलराज मिश्र सहित केंद्रीय मंत्रियों को इनवाइट किया गया है। इसमें ट्रस्ट और स्थानीय नेताओं की ओर से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को आमंत्रित किया गया है।
आसींद से विधायक जब्बर सिंह सांखला का कहना है कि वसुंधरा राजे ने पिछली सरकार में 4 करोड़ की लागत से पैनोरमा स्वीकृत किया था। यह पैनोरमा लगभग पूरा हो गया है। इसके चलते यहां राजे को लेकर विशेष लगाव है। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को भी आमंत्रित किया गया है।
आसींद में आज देवनारायण जन्मोत्सव, कार्यक्रम में शामिल होंगे मोदी:जयंती पर राजस्थान में छुट्टी घोषित, गुर्जर वोट बैंक को साधने की कोशिश में कांग्रेस-भाजपा
राजस्थान में चुनावी साल शुरू होने के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवनारायण जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शनिवार को राजस्थान के आसींद (भीलवाड़ा) आ रहे हैं। पीएम मोदी के इस दौरे से पहले ही गुर्जर वोटों को साधने के लिए गहलोत सरकार ने देवनारायण जयंती पर अवकाश घोषित कर दिया है।
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