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Adani Group पर एक रिपोर्ट जारी कर अरबों कमा गई हिंडनबर्ग?

Hindenberg reserch की अदाणी ग्रुप को लेकर रिपोर्ट सामने आई थी जिसके बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयर तेजी से नीचे आए हैं। इसमें रिसर्च फर्म ने कैसे कमाई की आइए जानते हैं 

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Hindenberg Research Report आने के बाद अदाणी समूह को काफी नुकसान हुआ है। कंपनी के शेयरों में तेज गिरावट आई है। हिंडनबर्ग इससे पहले भी कई बड़ी कंपनियों के खिलाफ ऐसी ही रिपोर्ट निकाल चुका है। आखिर हिंडनबर्ग कंपनियों के खिलाफ इस तरह की रिपोर्ट क्यों निकलता है और ये फर्म क्या काम करती है, आइए जानते हैं।



क्या है हिंडनबर्ग रिचर्स?

हिंडनबर्ग रिचर्स एक फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है, जो कि इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव पर काम करती है। इसकी स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। हिंडनबर्ग का कहना है कि वह कंपनियों में हो रही गड़बड़ियों की तलाश करते हैं और खराब मैनेजमेंट, अकाउंटिंग में अनियमितता और पार्टियों के बीच हो रहे अघोषित लेनदेन को जांचते हैं।

कैसे पड़ा नाम

वर्ष 1937 में न्यू जर्सी में उड़ान भरने वाले एक हाइड्रोजन-संचालित जर्मन विमान में आग लग गई थी और हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें सवार 35 यात्रियों की मौत हो गई। इसे एक तरह से मानव निर्मित आपदा कहा गया था, क्योंकि दुनिया के सबसे ज्वलनशील सामग्री से भरे एक गुब्बारे पर लगभग 100 लोगों को बैठा दिया गया था। विमान का नाम हिंडनबर्ग था।

इन कंपनियों पर जारी कर चुका है रिपोर्ट

इससे पहले भी हिंडनबर्ग रिचर्स कई कंपनियों को लेकर रिपोर्ट जारी कर चुका है। इस फर्म की सबसे अधिक चर्चा सितंबर 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक कंपनी निकोला कॉर्प को लेकर रही, जिसमें कंपनी के ट्रक को लेकर किए जा रहे दावों को कथित तौर पर गलत बताया था। इसके पूरे प्रकरण के बाद कंपनी के वैल्यूएशन में कमी देखने को मिली थी और यह पीक पर 34 अरब डॉलर से घटकर 1.34 डॉलर पर पहुंच गया था।

हिंडनबर्ग रिचर्स की अनुसार, इसके अलावा वह WINS Finance, Genius Brands, SC Wrox, HF Foods, Bloom Energy, Aphria के साथ कई और कंपनियों के बारे में रिसर्च रिपोर्ट निकाल चुका है।


कैसे कमता है हिंडनबर्ग?

हिंडनबर्ग किसी कंपनी पर रिपोर्ट निकालने से अपने निवेशकों को उसमें शॉर्ट सेलिंग करने के लिए कहता है। ऐसे में जब रिपोर्ट आने के बाद जब कंपनी के शेयर तेजी से गिरते हैं, तो फिर हिंडनबर्ग से जुड़े निवेशकों को फायदा होता है। बता दें, शॉर्ट सेलिंग में किसी कंपनी के शेयरों को ट्रेडर की ओर से पहले ही बेच दिया है, जिसके बाद वे कम दाम पर फिर उसे खरीद लेते हैं।
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