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राज्यपाल सुश्री उइकेआदिवासी सेवा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित 18 वें युवक-युवती परिचय सम्मेलन में हुईं शामिल


: राज्यपाल आदिवासी सेवा मंडल

सरलता एवं सौम्यता जनजातीय समाज की पहचान, समृद्ध आदिवासी संस्कृति व परंपराओं बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हो समाज के लोग: राज्यपाल सुश्री उइके

सरलता एवं सौम्यता जनजातीय समाज की पहचानसमृद्ध आदिवासी संस्कृति व परंपराराज्यपाल सुश्री उइके

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज आदिवासी सेवा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित 18 वें युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शामिल हुईं। राज्यपाल ने इस अवसर पर विधिवत पूजा-अर्चना कर परिचय सम्मेलन की सफलता तथा देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली कामना की। कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल सुश्री उइके का आदिवासी परंपरा के अनुरूप आत्मीय स्वागत किया गया। राज्यपाल ने इस दौरान परिचय सम्मेलन में शामिल होने आए युवक-युवतियों को अपना स्नेहाशीष दिया।
         परिचय सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुश्री उइके ने आदिवासी समाज के उत्थान और बेहतरी के लिए आदिवासी सेवा मंडल द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सेवा मंडल, युवक-युवती परिचय सम्मेलन, आदिवासी लोक कलाओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से समाज के मूल्यों और परंपराओं को संरक्षित करने में अपनी भूमिका निभा रहा है। साथ ही इसके माध्यम से रीति-रिवाजों और मान्यताओं को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आदिवासी युवाओं और युवतियों के लिये योग्य जीवन साथी की तलाश में आ रही कठिनाई को दूर करने के लिए इस मंच के माध्यम से लगातार प्रयास किया जा रहा है। इससे समय के साथ-साथ धन की भी बचत होती है। उन्होंने सरलता एवं सौम्यता को जनजाति समाज की पहचान बताया और सभी से समृद्ध आदिवासी संस्कृति व परंपराओं बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया।
राज्यपाल ने समाज के प्रबुद्धजनों से कहा कि आदिवासियों की समस्याओं के निराकरण के प्रति अपना दृष्टिकोण सकारात्मक रखें। यदि जनजातीय समाज का कोई व्यक्ति आपके पास अपनी समस्या लेकर आए तो उन्हें गंभीरतापूर्वक सुने और आगे बढ़कर सहयोग करें। इससे समाज में परस्पर सहभागिता और विश्वास बढ़ेगा।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में समाज के बालक एवं बालिकाओं को अनिवार्य रूप से स्कूल भेजने को कहा और शिक्षा को ही उन्नति और प्रगति के लिए जरूरी बताया। इस दौरान उन्होंने अन्य समाज की अच्छाईयों को भी स्वीकार करने और दिनोंदिन महंगे हो रहे शादी-विवाह की फिजूल खर्ची के बजाय पुरानी संस्कृति को अधिक अहमियत देने को जरूरी बताया। संबोधन के अंत मे उन्होंने विवाह योग्य युवक-युवतियों के परिचय सम्मेलन का लाभ अधिक से अधिक जरूरतमंदो तक पहुंचाने को कहा।
      इस अवसर पर श्री प्रकाश सिंह ठाकुर, युवक-युवतियां, अभिभावक और समाज के सदस्य उपस्थित थे।

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