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पेटीएम, जोमैटो और एलआईसी ने डुबोई निवेशकों की लुटिया




चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 14 कंपनियों की तरफ से लाए गए आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) से 35,456 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 32 फीसद कम है। इस साल अबतक नुकसान देने वाली कंपनियों की संख्या 40 फीसदी रही है, जबकि 45 फीसदी कंपनियों ने 20 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है।

निवेशकों को सबसे अधिक झटका देने वाली कंपनियों में कंपनियों में वन97 कम्युनिकेशंस यानी पेटीएम है, जिसका भाव इश्यू प्राइस से 67 फीसदी नीचे चल रहा है। इसके अलावा एलआईसी का भी शेयर भाव इश्यू प्राइस से 31 फीसदी नीचे आ चुका है। वहीं, जोमैटो के निवेशकों को शेयर 20.7 फीसदी का नुकसान हुआ है।

पिछले साल जोरदार रिटर्न मिला था

सितंबर 2021 तक आईपीओ ने 74 फीसदी का रिटर्न दिया था जबकि उस समय तक सेंसेक्स 20 फीसदी चढ़ा था। लेकिन एक हजार करोड़ रुपये से अधिक आकार वाले उन आईपीओ में से 16 कंपनियों के शेयर फिलहाल कम भाव पर बिक रहे हैं। वहीं सेंसेक्स इस साल की शुरुआत से अब तक 50,000 से लेकर 60,000 अंक के दायरे में ही कारोबार कर रहा है।

पहली छमाही आईपीओ के लिहाज से ज्यादा अच्छी नहीं रही

प्राइम डेटाबेस की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही आईपीओ के लिहाज से ज्यादा अच्छी नहीं रही है। इस दौरान कुल 14 कंपनियां अपना आईपीओ लेकर आईं जिनके जरिये 35,456 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई। एक साल पहले की समान अवधि में कुल 25 आईपीओ के माध्यम से 51,979 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।

दूसरी छमाही में आईपीओ गतिविधियों में तेजी आने की संभावना

इस सुस्ती के बावजूद चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आईपीओ गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार नियामक सेबी की तरफ से 71 आईपीओ प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है जिनके जरिये 1,05,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इनके अलावा 70,000 करोड़ रुपये मूल्य के 43 अन्य प्रस्ताव अभी सेबी के विचाराधीन हैं। इस तरह कुल 114 आईपीओ लाने की तैयारियां चल रही हैं जिनमें से 10 निर्गम नए दौर की प्रौद्योगिकी कंपनियों के हैं। इन प्रौद्योगिकी कंपनियों ने करीब 35,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा हुआ है। हालांकि, प्राइम डेटाबेस की रिपोर्ट कहती है कि पहली छमाही में आईपीओ परिदृश्य और भी सुस्त नजर आ सकता था। प्राइम डेटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने एक नोट में कहा कि पहली छमाही में सार्वजनिक इक्विटी से जुटाई गई कुल राशि सिर्फ 41,919 करोड़ रुपये रही है जो एक साल पहले की समान अवधि के 92,191 करोड़ रुपये की तुलना में 55 फीसद कम है। अप्रैल-सितंबर 2022 के दौरान एलआईसी के अलावा डेल्हीवरी और रेनबो चिल्ड्रंस के आईपीओ को भी निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली। डेल्हीवरी के निर्गम से 5,235 करोड़ रुपये और रेनबो चिल्ड्रंस के निर्गम से 1,581 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।
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