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आबेनॉमिक्स के लिए मशहूर शिंजो आबे के दादा भी थे जापान के PM

शिंजो आबे दो बार जापान के पीएम रहे हैं और उनके परिवार का भी एक समृद्ध इतिहास रहा है, जो दशकों से सत्ता में रहा है। उनके दादा किशि नोबुसुके 1957 से 1960 के दौरान दो बार जापान के पीएम थे।

 शांत देश जापान में शुक्रवार की सुबह उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब पूर्व पीएम शिंजो आबे पर एक शख्स ने गोलियां चला दीं। शिंजो आबे उस वक्त नारा शहर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान हमलावर ने पीछे से दो गोलियां दागीं और शिंजो आबे वहीं पर लहूलुहान होकर गिर पड़े। हमलावर को सुरक्षा बलों की ओर से तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया और उसके बैकग्राउंड का पता लगाया जा रहा है। जापान में कुछ वक्त बाद चुनाव होने वाले हैं और ऐसे वक्त में शिंजो आबे पर अटैक से देश में माहौल भी बिगड़ने की आशंका है। शिंजो आबे जापान के पूर्व पीएम होने के साथ ही बड़ी विरासत को आगे बढ़ाने वाले नेता रहे हैं।

शिंजो आबे दो बार जापान के पीएम रह चुके हैं और उनके परिवार का भी एक समृद्ध इतिहास रहा है, जो दशकों से सत्ता में रहा है। उनके दादा किशि नोबुसुके 1957 से 1960 के दौरान दो बार जापान के पीएम रहे थे। इसके अलावा उनके पिता शिंतारो आबे भी जापान के विदेश मंत्री रह चुके हैं। 1993 में पिता की मौत के बाद शिंजो आबे ने पहली बार जापान के आम चुनाव में उतरने का फैसला लिया था। जापान के पीएम बनने से पहले भी शिंजो आबे का बड़ा सियासी कद रहा है। डिप्टी चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी के तौर पर भी वह तत्कालीन पीएम के साथ उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए थे।

लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता शिंजो आबे 2006 से 2007 और फिर 2012 से 2020 तक देश के पीएम थे। वह जापान के सबसे ज्यादा लंबे वक्त तक प्रधानमंत्री रहने वाले व्यक्ति हैं। शिंजो आबे 2006 में 52 साल की आयु में पहली बार जापान के पीएम बने थे। इसके साथ ही वह विश्व युद्ध के बाद जापान के पीएम बनने वाले सबसे युवा शख्स थे। हालांकि उच्च सदन में चुनाव हारने के बाद शिंजो आबे को पद से इस्तीफा देना पड़ा आथ और फिर 2012 में अपनी पार्टी को बड़ी जीत दिलाने के साथ ही वह सत्ता में वापस लौटे थे।

आबेनॉमिक्स के लिए मशहूर, भारत ने दिया था पद्म विभूषण सम्मान

जापान की अर्थव्यवस्था को सुधारने का श्रेय भी शिंजो आबे को दिया जाता है। यहां तक कि उनकी आर्थिक नीतियों को 'आबेनॉमिक्स' के नाम से जाना जाता है। वह कूटनीतिक तौर पर भी बेहद मजबूत नेता रहे हैं। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से भी उनके करीबी रिश्ते रहे हैं और बीते साल ही उन्हें भारत ने पद्म विभूषण सम्मान देने का फैसला लिया था, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। स्वास्थ्य कारणों के चलते शिंजो आबे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसके बाद भी वह लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में बेहद प्रभावशाली थे।
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