युवा करेंगे आत्म-निर्भर भारत का निर्माण : खेल मंत्री श्रीमती सिंधिया
अमर शहीद श्री चंद्रशेखर आजाद की 116वीं जयंती पर पहली राज्य स्तरीय दो दिवसीय यूथ महापंचायत का समापन सभी विषयगत सत्र से प्राप्त हुए निष्कर्षों और सुझावों को शामिल कर निर्मित किए गए यूथ रिजोल्यूशन के प्रारूप को पारित कर किया गया।
यूथ महापंचायत के समापन सत्र में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि युवा देश को दिशा दे सकते हैं। यूथ महापंचायत 2022 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की संकल्पना थी, अब यह आयोजन प्रतिवर्ष होगा। उन्होंने कहा कि यूथ महापंचायत में विभिन्न सत्र से मिले सुझाव राज्य के विकास को नई दिशा देंगे। इस महापंचायत ने वर्तमान डिजिटल युग के युवाओं को न सिर्फ इतिहास से परिचय कराया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष और बलिदान को भी याद दिलाया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि अमर शहीद श्री चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर हुई यूथ महापंचायत युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी श्री आजाद का पालन-पोषण गरीबी में हुआ था, दूध के अभाव में उनकी माँ उन्हें पानी में आटा घोल कर पिलाती थी। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि हम उस प्रदेश में रहते हैं जिसमें श्री चंद्रशेखर आजाद का जन्म हुआ था। उनका जज्बा युवाओं को प्रेरित करता है। आने वाला भविष्य युवाओं का है और हिंदुस्तान युवाओं का देश है। श्री सारंग ने कहा कि कई वर्षों से देश में पुल, सड़कों आदि के निर्माण की बात हुई है, व्यक्ति के निर्माण की बात अब हो रही है। उन्होंने यूथ महापंचायत में आए सभी युवाओं से राज्य के विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का आहवान किया।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देश के विकास के साथ सम्पूर्ण मानवता के विकास के लिए युवाओं को आगे आना होगा। युवा स्वर्णिम दुनिया की रचना कर सकते हैं। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिस क्रांतिकारी से प्रेरणा लेने के लिए यूथ महापंचायत हुई है, वे 26 साल के युवा थे, अमर शहीद श्री भगत सिंह 23 साल की उम्र में हँसते हुए फाँसी पर चढ़ गए थे। भारत सबसे युवा देश है, यूथ महापंचायत हमारे संस्कृतिक मूल्यों और समृद्धि की पहचान बन युवाओं में देश के प्रति नई ऊर्जा का प्रवाह करेगी।
यूथ महापंचायत के दूसरे दिन "मेरा एमपी, मेरा गौरव: कंट्रीब्यूशन इन रिजुवेंटिंग प्राइड ऑफ एमपी" विषय पर पद्मश्री कलाकार श्री भज्जू श्याम ने कहा कि किसी भी कार्य में सफलता पानी है तो आपको अपना सौ प्रतिशत उस कार्य को देना होगा। किसी भी काम को करने में शर्म नहीं करनी चाहिए, हर काम से हमें कुछ-न-कुछ सीखने मिलता है।
माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली मध्यप्रदेश की सुश्री भावना डेहरिया ने कहा कि संघर्ष से सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना होगा। अगर हम चुनौतियों से घबरा जाते हैं तो भविष्य में किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो पाएंगे।
माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले श्री रत्नेश पांडे ने कहा कि आज यदि एडवेंचर स्पोर्ट में मध्यप्रदेश का युवा पहचाना जाता है तो इसमें खेल विभाग अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य करें अपनी जड़ों को कभी न भूलें।
चाय सुट्टा बार के संस्थापक श्री अनुभव दुबे ने कहा किसी भी कार्य को करने के लिए शार्ट कट का रास्ता न अपनाएँ, इसमें खतरा रहता है। अगर आप किसी स्टार्टअप को शुरू करना चाहते हैं, तो अपने आइडियाज़ को रियलस्टिक रखें।
पत्रकार श्री आकाश सोनी ने कहा कि यूथ महापंचायत कड़ी से कड़ी को जोड़ने का जरिया बना है। युवा जब अपने गाँव, जंगल और जमीन की बात वैश्विक स्तर पर पहचानेंगे, अपने संस्कार और संस्कृति का प्रचार करेंगे तभी सही मायनों में क्रान्ति होगी।
यंग चेंपियंस ऑफ एमपी
एशियानेट न्यूज़ के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन श्री राजेश कालरा ने कहा कि स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्समैनशिप सिखाता है। साथ ही असफलता को जीत में कैसे बदलें यह गुण भी सिखाता हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है कि वे जीवन की अन्य परेशानियों से लड़ना भी सीख लेते हैं। खेल आपको अच्छा इंसान बनने में मदद करता है। श्री कालरा ने कहा कि खेलों में जिस तरह की अधो-संरचना और ऑर्गेनाइजड फॉर्मेट का काम मध्यप्रदेश में हो रहा है वो और कहीं नहीं हो रहा।
प्रदेश की प्रख्यात पर्वतारोही सुश्री मेघा परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार हमेशा खिलाड़ियों को खेलों के प्रशिक्षण के साथ ही आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराती है। जब मैं एवरेस्ट फतह करने की कोशिश कर रही थी, तब मुझे मध्यप्रदेश सरकार ने स्पांसरशिप के रूप में 15 लाख रूपये की मदद की थी।
मलखम्ब खिलाड़ी सुश्री वैष्णवी कहार ने कहा कि जिस समय दुनिया इस खेल को जानती तक नहीं थी, तब मध्यप्रदेश ने इसे राजकीय खेल घोषित किया था। सरकार की यह पहल सराहनीय है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' में मुझसे बात की थी। ये मेरे लिए गर्व और प्रोत्साहित करने वाला क्षण था।
मध्यप्रदेश के ओलिंपिक शूटर ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की खेल अकादमी दुनिया की सबसे बेहतरीन अकादमी है, अपने खेल के हुनर को निखारने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म है। मध्यप्रदेश की अकादमियों में टेलेंट सर्च के माध्यम से प्रतिभाओं का चयन कर बेहतरीन सुविधाओं के साथ वर्ल्ड क्लास प्रशिक्षकों की निगरानी में प्रशिक्षण दिया जाता है।
मध्यप्रदेश के प्रख्यात पूर्व क्रिकेटर और कॉमेन्ट्रेटर श्री अमय खुरासिया ने कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों को जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ उपलब्ध हो रहीं हैं, इसमें खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया का खेलों के प्रति पैशन और विज़न सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि हमारे समय में इस तरह की सुविधाएँ उपलब्ध नहीं थीं। आज के युवा खिलाड़ी यंग चेंपियंस ऑफ एमपी बनकर अंतर्राष्ट्रीय पटल पर प्रदेश एवं देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश के राइज़िंग स्टार खिलाड़ी बॉक्सर श्री अमन सिंह, कयाकिंग-कनोइंग की सुश्री कावेरी ढीमर, सेलर सुश्री रितिका दांगी और सुश्री हर्षिता तोमर, रेशलर सुश्री प्रियांशी प्रजापति, घुड़सवार श्री फराज खान और एथलीट सुश्री बुशरा खान ने अपने अनुभव साझा किए।
Post A Comment
No comments :