यूपी पुलिस की गिरफ्तारी से मोहम्मद जुबैर को मिली राहत
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को उनके खिलाफ यूपी में दायर मामले में सुप्रीम कोर्ट से 5 दिन की अस्थायी राहत मिली है। कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश सीतापुर मामले से संबंधित है और जुबैर के खिलाफ किसी अन्य प्राथमिकी में असरदार नहीं होगा। आपको बता दें कि मोहम्मद जुबैर ने सीतापुर में दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका डाली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, ''जमानत की शर्त यह होगी कि याचिकाकर्ता कोई ट्वीट नहीं करेगा और दिल्ली नहीं छोड़ेगा। जमानत की अन्य शर्तें सीतापुर जिला अदालत तय करेंगी।'' इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली जुबैर की याचिका पर यूपी पुलिस को नोटिस भी जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर जुबैर इतने अच्छे इंसान होते तो उन्हें ट्वीट नहीं करना चाहिए था। वह यूपी पुलिस को चिट्ठी लिखते। लेकिन, उन्होंने इस तरह का ट्वीट कर अपराध किया है। अगर उन्हें जमानत मिल जाती है तो वह बेंगलुरु में सबूत नष्ट कर सकते हैं।
दिल्ली से सीतापुर जेल किया गया था शिफ्ट
आपको बता दें कि मो. जुबैर को तिहाड़ जेल से सीतापुर जेल शिफ्ट किया गया था। यहां सीजेएम कोर्ट में उसकी ओर से दाखिल जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी थी। पुलिस रिमांड पर अब उनसे पूछताछ की तैयारी चल रही थी।। पुलिस के मुताबिक 16 जुलाई तक रिमांड मिली थी। जुबैर को गुरुवार को भारी सुरक्षा के बीच दिल्ली से ले जाया गया था। दिल्ली पुलिस और सीतापुर पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया।
क्या है आरोप?
खैराबाद थाने में एफआईआर संख्या 0226 में 295-ए तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज है। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवान शरण ने 27 मई 2022 को दर्ज कराई थी। उसमें संतों का अपमान करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने व हत्या के लिए उकसाने जैसे आरोप लगाए गए थे। उसी कड़ी में पुलिस जुबैर को तलाश रही थी।
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