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रायपुर : राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में 20 फीसद की दर से होगा विकास

छत्तीसगढ़ सरकार की नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना इसे साकार करने में होगी सहायक

बाड़ी योजना इसे

भविष्य की आकस्मिकताओं का पूर्वाभास कर, जनहित के उद्देश्य को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी (एनजीजीबी) योजना के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था  को विकसित करने के लिए एक ऐसा इकोसिस्टम बनाया है। जिससे ग्रामीण व्यवस्था की विकास दर को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सके। यह बातें मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने आज दुर्ग जिले में आजीविका गतिविधियों, गौठान में हो रहे कार्यों और नरवा की स्थिति का जायजा  लेने के दौरान  कही। उनके साथ नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी विकास का जायजा लेने योजना आयोग के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य सचिव श्री अजय सिंह व भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी श्री के एस सुब्रमण्यम पहुंचे भी दुर्ग पहुंचे थे।

 साकार करने
इंडस्ट्री के साथ टाईअप कर समूह को किया जाएगा और सशक्त- सबसे पहले कृषि सलाहकार के साथ आई टीम ने सांकरा में स्थापित अजीविका केंद्र का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने वहां के संगठन की दीदियों द्वारा संचालित आयमूलक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली और उनके द्वारा निर्मित उत्पाद अष्टगंध, हर्बल गुलाल, शुद्ध आम की लकड़ी की हवन समिधा, प्राकृतिक जड़ी-बूटी से निर्मित दशांगधूप, माता रानी की चुनरी इत्यादि के संेपल देखे। इस अवसर पर सलाहकार श्री शर्मा ने जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन से संगठन में कार्यरत दीदिओं की संख्या को बढ़ाने और इनके द्वारा संचालित आजीविका मूलक गतिविधियों में युवाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही। उन्होंने कहा आज इंडस्ट्री का ध्यान उसकी सेल की ओर ज्यादा केंद्रित रहता है और उन्हें कार्य के लिए अधिक से अधिक हाथों की आवश्यकता होती है। ऐसे में ग्रामीण महिलाओं को और युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें इंडस्ट्री के साथ टाईअप कर रोजगार मुहैया करा सकते हैं। इस तरह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तीकरण की ओर शासन की एक और पहल होगी। इसके लिए सांकरा में प्रशिक्षण सेटअप भी तैयार किया जाएगा, जिससे सैकड़ों दीदियां व युवक प्रशिक्षण प्राप्त कर जीवन निर्वाह के लिए अपने आप को तैयार करेंगे।

में होगी सहायक
जी.एम.पी. सर्टिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा पतोरा में निर्मित अर्क का सेंपल- पतोरा के आजीविका केंद्र में बनने वाले गौधन अर्क, तुलसी अर्क और गुलाब अर्क को जी.एम.पी. सर्टिफिकेशन के लिए लैब भेजा जाएगा, ताकि इसे ओपन मार्केट में बेचा जा सके। इस अवसर पर श्री प्रदीप शर्मा ने निरीक्षण में अर्क का शोधन करने वाले लैब में अग्निशमक रखने का निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचाव हो सके। इसके अलावा रायपुर टीम द्वारा केन्द्र में संचालित बोरी सिलाई केन्द्र का निरीक्षण भी किया गया, जिसकी सभी ने तारीफ की।
    रायपुर से आई टीम ने पाटन के महुदा गौठान के अध्यक्ष, स्व सहायता समूह की दीदियों और चारवाहों के साथ चर्चा की। यहां सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने लावारिश गायों को चिन्हित करने के लिए उनके सिंग में रंग करने की सलाह संबंधित अधिकारियों को दी, ताकि गौठान में पशुओं का वर्गीकरण सही तरीके से किया जा सके। ग्राम खुड़मुड़ी के रूही उफरा नाला व ग्राम तुलसी में लोहरसिंग से ठाकुरटोला तक निर्मित नाले का निरीक्षण भी टीम द्वारा किया गया। उन्होंने नाले के किनारों में प्लांटेशन के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीइओ श्री अश्वनी देवांगन, पाटन एस.डी.एम श्री विपुल गुप्ता, जनप्रतिनिधि एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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