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अगर ऐसा हुआ तो पाम ऑयल 105 और सोयाबीन तेल 120 रुपये लीटर से अधिक नहीं होगा

रिफाइनिंग कंपनियों को ही शुल्क-मुक्त आयात की छूट दी जाए जो आम उपभोक्ताओं को वैश्विक छूट का लाभ सुनिश्चित करने के लिए पीडीएस को आपूर्ति करें। इससे सस्ता तेल आम उपभोक्ताओं को उपलब्ध होगा।


खाद्य तेलों की वैश्विक कीमतों में आई गिरावट का समुचित लाभ उपभोक्ताओं को सुनिश्चित करने के संबंध में एक सुझाव देते हुए बाजार सूत्रों ने कहा है कि सरकार, सूरजमुखी, सोयाबीन और पामोलीन जैसे खाद्य तेलों के शुल्क मुक्त आयात करने की अनुमति केवल उन्हीं प्रसंस्करणकर्ताओं को दे जो खाद्य तेलों के प्रसंस्करण के बाद उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से कमजोर आय वर्ग के लिए उसकी आपूर्ति करे।

इससे खाद्य तेलों की वैश्विक गिरावट का लाभ आम उपभोक्ताओं को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके अलावा बाकी आयात पर आयात शुल्क लगा दे। इससे खाद्य तेलों की आवश्यकतायें भी पूरी होंगी और सरसों, मूंगफली उत्पादन करने वाले स्थानीय किसानों की फसल भी बाजार में खपेगी।

80-90 के दशक में रिफाइनरी वालों को दी गई थी छूट

सूत्रों ने कहा कि पहले 80-90 के दशक में ऐसी ही छूट रिफाइनरी वालों को दी गई थी और उस तेल का वितरण पीडीएस के माध्यम से किया जाता था। इसका अनुभव यह था कि तेल-तिलहन मामले में देश वर्ष 1992 तक लगभग आत्मनिर्भर हो चला था। ऐसा करने पर मौजूदा वैश्विक कीमतों के हिसाब से ग्राहकों को अधिभार सहित पामोलीन तेल 105-110 रुपये लीटर, सोयाबीन तेल 120-125 रुपये लीटर और सूरजमुखी तेल 130-135 रुपये लीटर मिलने की संभावना बनेगी।

सूत्रों ने कहा कि ऐसी रिफाइनिंग कंपनियों को ही शुल्क-मुक्त आयात की छूट दी जाए जो आम उपभोक्ताओं को वैश्विक छूट का लाभ सुनिश्चित करने के लिए पीडीएस को आपूर्ति करें। इससे सरकार को सस्ता तेल आम उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल होगा। सूत्रों ने कहा कि नहीं तो आयात शुल्क की छूट दिये जाने का कोई अपेक्षित नतीजा निकलना मुश्किल होगा।

सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल के भाव स्थिर

मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती के रुख के कारण दिल्ली तेल- तिलहन बाजार में बुधवार को सोयाबीन, पामोलीन और कच्चे पामतेल (सीपीओ) जैसे आयातित तेलों के भाव सुधर गए, जबकि सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल (देशी तेल तिलहनों) की कीमतें स्थिर रहीं।

बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज में कोई घटबढ़ नहीं थी जबकि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 2.5 प्रतिशत की मजबूती रही। मलेशिया एक्सचेंज की मजबूती की वजह से सोयाबीन तेल-तिलहन, पामोलीन और कच्चे पामतेल (सीपीओ) जैसे आयातित तेलों के भाव में सुधार दर्ज हुआ।

बुधवार तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे

सरसों तिलहन - 7,170-7,220 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,905 - 7,030 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,260 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,710 - 2,900 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,280-2,360 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,320-2,425 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,150 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,850 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 11,750 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 6,325-6,425 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 6,100- 6,175 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल
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