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नेशनल हेराल्ड पर CM भूपेश बोले- ईडी दफ्तर में कैमरा लगाकर मीडिया हाउस को दीजिए लिंक, पूरा देश देखे ED पूछ क्या रही

नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ को लेकर देशभर में कांग्रेस के लोग अद्वेलित हो गए हैं। सीएम भूपेश बघेल ने जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार पर फिर बड़ा हमला बोला।


नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ को लेकर देशभर में कांग्रेस के लोग अद्वेलित हो गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार पर फिर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ईडी 4 दिन से पता नहीं क्या पूछ रही है। मैं तो सीधा कहता हूं कि ईडी कार्यालय में कैमरा लगा दिया जाए और उसका लिंक सभी मीडिया हाउस को दे दिया जाए। पूरा देश देखे कि ईडी पूछ क्या रही है और राहुल जी जवाब क्या दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड को कांग्रेस ने मदद कर दिया तो कोई अपराध नहीं किया है।

भूपेश ने कहा कि मैं सीधे शब्दों में कहता हूं...। भाई, भाई को मदद कर दे। बाप, बेटे की मदद कर दे तो वह अपराध नहीं होता। वह मनी लांड्रिंग की श्रेणी में नहीं आता। कांग्रेस ने अपने ही अखबार नेशनल हेराल्ड की मदद कर दी तो पूछताछ हो रही है। स्वतंत्रता संग्राम में नेशनल हेराल्ड पर अंगेजों ने पाबंदी लगाई थी। इस अखबार की आजादी में भूमिका रही है। उसको जीवित रखने कांग्रेस ने मदद कर दी, ऋण दे दिया तो कोई अपराध नहीं किया। जिन अंग्रेजों ने नेशनल हेराल्ड पर पाबंदी लगाई थी, उन्हीं के समर्थक, उन्हीं के मानने वाले लोग अब 4 दिनों से पेशी पर बुला रहे हैं। इस मामले में ईडी 4 दिनों से पूछताछ कर रही है। इसका सीधा मतलब यह है कि कांग्रेस पार्टी को बदनाम करना और हमारे नेताओं को परेशान करना है।

कांग्रेस पार्टी ने दिया 90 करोड़ लोन, ऑडिट भी हुआ
रायपुर एयरपोर्ट पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड घाटे में था। कांग्रेस ने लोन दिया। इसमें मनी लॉंड्रिंग जैसा कोई मामला ही नहीं है। 100 किस्तों में 90 करोड़ रुपये की राशि दी गई। सभी लेन-देन चेक से हुआ है। इसका ऑडिट भी हुआ है। इसकी निर्वाचन आयोग और ईडी में शिकायत हुई थी, जिसे अमान्य कर दिया था। आजादी की लड़ाई में नेशनल हेराल्ड की क्या भूमिका थी, यह आप सभी जानते हैं। इसकी स्थापना जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, राज्यर्षि टंडन और रफी अहमद किदवई ने किया था। इसके हजारों शेयर धारक हैं। यह घाटे में चल रहा था। सभी की भावना थी कि यह राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ा हुआ पत्र है, इसलिए इसे जीवित रखा जाना चाहिए। उसी भावना को ध्यान में रखकर कांग्रेस पार्टी ने उसे लोन दिया।
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