राज्यसभा चुनाव: विशेष अदालत से झटके के बाद जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे नवाब मलिक और अनिल देशमुख
अनिल देशमुख और नवाब मलिक, दोनों राकांपा के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से जांच किए जा रहे विभिन्न मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के सिलसिले में जेल में बंद हैं।
मुंबई की एक विशेष अदालत की ओर से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। दोनों नेताओं ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर जमानत देने की मांग की है। राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को वोट डाले जाएंगे।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की ओर से दायर उन अर्जियों को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें दोनों ने शुक्रवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए एक दिन की जमानत का अनुरोध किया था।
अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को मलिक और देशमुख को अस्थायी जमानत देने से इनकार कर दिया। ईडी ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत कैदियों को मतदान का अधिकार नहीं है। देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था।
वहीं, मलिक को इस साल 23 फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीट के लिए होने वाले चुनाव में शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार के निर्वाचन के लिए शिवसेना के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी (MVA) के लिए हर वोट महत्वपूर्ण है। राकांपा एमवीए की एक घटक है।
मुंबई की एक विशेष अदालत की ओर से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। दोनों नेताओं ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर जमानत देने की मांग की है। राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को वोट डाले जाएंगे।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की ओर से दायर उन अर्जियों को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें दोनों ने शुक्रवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए एक दिन की जमानत का अनुरोध किया था।
अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को मलिक और देशमुख को अस्थायी जमानत देने से इनकार कर दिया। ईडी ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत कैदियों को मतदान का अधिकार नहीं है। देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था।
वहीं, मलिक को इस साल 23 फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीट के लिए होने वाले चुनाव में शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार के निर्वाचन के लिए शिवसेना के नेतृत्व वाले महा विकास आघाड़ी (MVA) के लिए हर वोट महत्वपूर्ण है। राकांपा एमवीए की एक घटक है।
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