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नहीं थम रहा पैगंबर विवाद, अब हिंसा के विरोध में सड़कों पर उतरेगा बजरंग दल



भारत में पैगंबर टिप्पणी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंगलवार को घोषणा की कि बजरंग दल के कार्यकर्ता देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे और 16 जून को झारखंड, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर व कुछ अन्य हिस्सों में हिंसा की हालिया घटनाओं के खिलाफ राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे। पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ टिप्पणी पर देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संगठन ने कहा कि उसकी युवा शाखा के कार्यकर्ता बृहस्पतिवार को देशभर के जिला प्रशासन मुख्यालय में ‘‘इस्लामिक जिहादी कट्टरपंथियों द्वारा बढ़ती चरमपंथी घटनाओं’’ के खिलाफ धरना देंगे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन सौंपेंगे।

क्या है पैगंबर टिप्पणी विवाद?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेताओं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में 10 जून को दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किए गए थे। इसके अलावा देश के कई हिस्सों में भी प्रदर्शन किए गए थे। विवाद बढ़ने के बाद भाजपा ने दोनों नेताओं को पार्टी से निकाल दिया था।

"बजरंग दल अब सड़कों पर उतरेगी"

झारखंड में, प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के प्रयास में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि जम्मू में अधिकारियों ने कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में, प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद बल को उन पर लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। विश्व हिंदू परिषद के महासचिव मिलिंद परांडे ने एक बयान में कहा, ‘‘देश में इस्लामिक जिहादी कट्टरपंथियों द्वारा बढ़ती चरमपंथी घटनाओं के खिलाफ विहिप की युवा शाखा बजरंग दल अब सड़कों पर उतरेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जिहादी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ बजरंग दल के कार्यकर्ता बृहस्पतिवार को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे और राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपेंगे।’’

"मस्जिदों पर कड़ी निगरानी रखी जाए"

परांडे ने मांग की कि उन मस्जिदों पर कड़ी निगरानी रखी जाए, जहां से भीड़ कथित तौर पर जुमे की नमाज के बाद निकली थी और 10 जून को देश के कुछ हिस्सों में इन्होंने हिंसा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने भीड़ को उकसाया, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जिन्हें धमकी दी गई है, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। धमकी देने वालों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।’’

विहिप ने रखी ये मांग

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की दिल्ली इकाई ने देश के कई हिस्सों में 10 जून को हुई हिंसा के विरोध में शहर के लोगों से मंगलवार को मंदिरों में एकत्र होने और हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ में भाग लेने का सोमवार को आह्वान किया था। विहिप महासचिव ने मांग की कि हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। परांडे ने मांग की कि प्रशासन को मुस्लिम संगठनों जैसे जमीयत उलमा-ए-हिंद, मस्जिदों और जिहादी मानसिकता के लोगों के खिलाफ शिकंजा कसना चाहिए जो ऐसे दंगाइयों के लिए भोजन और प्रेरणा के स्रोत हैं। विश्व हिंदू परिषद ने यह भी कहा कि कानपुर हिंसा एक "सुनियोजित साजिश" थी। 3 जून को, कानपुर में नूपुर शर्मा की कथित अपमानजनक टिप्पणी पर जुमे की नमाज के बाद हिंसा देखी गई।
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