Live TV

राज्य

[States][twocolumns]

देश

[Desh][list]

राजनीति

[Politics][list]

प्रतिद्वंद्वियों का हुआ पर्दाफाश: भूपिंदर सिंह हुड्डा राज्यसभा चुनाव में मिली हार कोई झटका नहीं

हुड्डा ने कहा, "मुझे राज्यसभा चुनाव से फायदा हुआ है। प्रतिद्वंद्वियों का पर्दाफाश हो गया है। आप देखेंगे कि 2024 के विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी (JJP) को एक भी सीट नहीं मिलेगी।"


हरियाणा के पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने राज्यसभा चुनाव में हार को व्यक्तिगत झटका मानने से इनकार किया है। हुड्डा ने कहा कि उन्हें इस प्रकरण से वास्तव में फायदा हुआ, क्योंकि इससे उनके प्रतिद्वंद्वियों का पर्दाफाश हुआ। उन्होंने कहा कि मेरे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने स्वार्थ भाव से काम किया। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा है कि विधायकों को मंडी की तरह खरीदा गया।

हुड्डा ने कहा, "मुझे राज्यसभा चुनाव से फायदा हुआ है। प्रतिद्वंद्वियों का पर्दाफाश हो गया है। आप देखेंगे कि 2024 के विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी (JJP) को एक भी सीट नहीं मिलेगी। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) जिसके पास एक विधायक (अभय चौटाला) है, वह भी कहीं नहीं होगा।"

'राजनीति में अपनी मर्जी से नहीं ले सकते फैसले'
अभय पर आगे निशाना साधते हुए हुड्डा ने कहा कि ऐलनाबाद में उपचुनाव के दौरान वह बीजेपी के खिलाफ किसानों के नाम पर वोट मांगते थे और यहां तक ​​कहते थे कि जेजेपी सबसे भ्रष्ट पार्टी है। लेकिन अब, उसने उनका साथ दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में आप अपनी मर्जी से फैसले नहीं ले सकते, जनहित को ध्यान में रखना होगा।

'शुरुआत में हमारे पास 31 वोट थे, लेकिन...'
हुड्डा ने कहा, "शुरुआत में हमारे पास 31 वोट थे। मुझे 30 वोट मिलने का यकीन था, क्योंकि कभी-कभी गलत मार्किंग के कारण एक वोट अमान्य हो जाता है। कुलदीप बिश्नोई (आदमपुर विधायक) ने क्रॉस वोटिंग की। एक वोट अमान्य हो गया, हालांकि मुझे नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया कार्य था या अनजाने में। कुछ निहित स्वार्थ होने चाहिए। वोट ट्रांसफर के बाद ही निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई।"

हुड्डा के कंधों पर था माकन की जीत का दारोमदार
हरियाणा के नतीजों को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए झटका के तौर पर देखा गया है, क्योंकि माकन की जीत का रास्ता तैयार करने का ज्यादा दारोमदार हुड्डा के कंधों पर ही था। राज्य में वह कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेताओं में गिने जाते हैं और पूरी ताकत लगाने के बावजूद माकन को जीत नहीं मिल सकी। हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 31 सदस्य हैं जो एक सीट के लिए उसके उम्मीदवार को जिताने के लिए आवश्यक है, लेकिन 'क्रॉस-वोटिंग' के चलते कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
Post A Comment
  • Facebook Comment using Facebook
  • Disqus Comment using Disqus

No comments :


मिर्च मसाला

[Mirchmasala][threecolumns]

विदेश

[Videsh][twocolumns]

बिज़नेस

[Business][list]

स्पोर्ट्स

[Sports][bsummary]