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भारत और ईरान के बीच संबंध बहुत अच्छे स्तर पर

ईरानी विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से एनर्जी मार्केट, चाबहार पोर्ट, अफगानिस्तान, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी आदि को लेकर विस्तार से बातचीत की है।


भारत और ईरान ने 8 जून को कई मसलों पर बातचीत की है। ईरानी विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से एनर्जी मार्केट, चाबहार पोर्ट, अफगानिस्तान, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी आदि को लेकर विस्तार से बातचीत की है। विदेश मंत्रियों ने कई क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए रोडमैप की संभावना पर बातचीत की है।

पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से मिलने की उम्मीद जताई

अब्दुल्लाहियन ने पीएम मोदी से भी मुलाकात की और भारत और ईरान के बीच सदियों से चली आ रही सभ्यता और सांस्कृतिक संबंधों को गर्मजोशी से याद किया। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को कोविड काल के बाद आदान-प्रदान में तेजी लाने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को भी शुभकामनाएं दी और जल्द से उनसे मिलने की उम्मीद जताई।

सुरक्षा चुनौतियों और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा

अब्दुल्लाहियन और जयशंकर के बीच बातचीत के बाद ईरान और भारत ने न्यायिक सहयोग को लेकर एक डॉक्यूमेंट पर साइन किए। इकॉनमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ ही सुरक्षा चुनौतियों और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की है।

भारत और ईरान के बीच संबंध बहुत अच्छे स्तर पर

इससे पहले भारत पहुंचते ही ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि भारत और ईरान के बीच संबंध बहुत अच्छे स्तर पर हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि दोनों पक्ष संयुक्त रूप से दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य एशिया के बीच संपर्क में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पिछले साल जुलाई में ताशकंद में एक कनेक्टिविटी सम्मेलन में जयशंकर ने ईरान के चाबहार पोर्ट को अफगानिस्तान सहित एक प्रमुख रीजनल ट्रांजिट हब के रूप में पेश किया था।

चाबहार पोर्ट और INSTC पर गंभीर बातचीत

ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर चाबहार पोर्ट को भारत द्वारा ईरान और अफगानिस्तान सहित मध्य एशिया को देखते हुए कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है। कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देश भी भारत के साथ व्यापार करने और हिंद महासागर क्षेत्र तक पहुंच बनाने के लिए चाबहार पोर्ट का इस्तेमाल करने में रुचि रखते हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) पर भी तेजी से काम जारी है जो ईरान के जरिए भारत को रूस से जोड़ता है।

अफगानिस्तान को लेकर भी हुई बात

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान को लेकर भारत लगातार ईरान के संपर्क में है। ईरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पिछले साल नवंबर में अफगान संकट पर भारत द्वारा आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भी भाग लिया था। भारत और ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हाल ही में दुशांबे में फिर मिले। अब्दुल्लाहियन ने भी अपने दौरे पर अफगानिस्तान और तालिबान को लेकर विस्तार से बातचीत की है।
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