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5G पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला

लम्बे समय से टेलीकाॅम कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी का इंतजार कर रही थी। केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पर मोहर लगा दी है। कैबिनेट की हुई बैठक में इसका फैसला किया:


इंटरनेट की मौजूदा स्पीड अगर आपको स्लो लगती है और आप सुपरफास्ट इंटरनेट का वेट कर रहे हैं, तो जल्द ही आपका यह इंतजार खत्म हो सकता है। मोदी सरकार ने सुपरफास्ट इंटरनेट लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी पर अपनी मुहर लगा दी है। 5G आने से यूजर्स को 4G के मुकाबले 10 गुना तेज सर्विसेज मिलेंगी। टेलिकॉम कंपनियां लंबे वक्त से 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी का इंतजार कर रही हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि 5G सर्विसेज को जल्द रोलआउट किया जाएगा और 72 गीगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी 20 साल के लिए की जाएगी।

5G में कुछ ही सेकेंड्स में डाउनलोड हो जाएंगी HD मूवीज

4G नेटवर्क के मुकाबले 5G कहीं ज्यादा सक्षम इंटरफेस है। जहां 4G यूजर्स को 150mbps की स्पीड ऑफर करता है। वहीं, 5G नेटवर्क इंटरनेट यूजर्स को 10Gbps तक की डाउनलोड स्पीड ऑफर करेगा, जो कि 4G के मुकाबले कई गुना ज्यादा होगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 5G में यूजर्स कुछ ही सेकेंड्स में फुल-लेंग्थ HD मूवीज डाउनलोड कर पाएंगे। अगर अपलोड स्पीड की बात करें तो 5G नेटवर्क 1Gbps तक की अपलोड स्पीड्स उपलब्ध करा सकता है। वहीं, 4G में 50Mbps तक की अपलोड स्पीड मिल रही है।

क्या 4G से महंगे होंगे 5G के प्लान्स

भारत में 5G प्लान की प्राइसिंग को लेकर अभी ज्यादा डीटेल्स सामने नहीं आए हैं। हालांकि, यह 4G प्लान्स के मुकाबले थोड़ा महंगे हो सकते हैं। यह बात news18 की एक रिपोर्ट में कही गई है। मार्च 2022 में एयरटेल के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) रणदीप सेखों ने कहा था कि भारत में 5G प्लान्स की प्राइसिंग 4G प्लान्स जैसी ही हो सकती है। क्वॉलकॉम की वेबसाइट के मुताबिक, 5G में 4G के मुकाबले लोअर लैटेंसी होगी। साथ ही, 5G नेटवर्क 4G के मुकाबले स्पेक्ट्रम का बेहतर इस्तेमाल करता है।

4G की तुलना में 10 गुना ज्यादा स्पीड

5G की स्पीड मौजूदा 4G की स्पीड से 10 गुना अधिक रहेगी। यानी किसी लिंक को और तेजी से ओपन किया जा सकेगा। इस टेक्नालॉजी से लोगों का काफी समय बचेगा। बता दें, 5G की वजह से दुनिया भर में 2.28 करोड़ नई नौकरियों आई हैं।5G नेटवर्क उन्हीं रेडियो फ्रीक्वेंसी पर चलेगा, जिनका इस्तेमाल अभी आपके मोबाइल डेटा, Wi-Fi और सैटेलाइट कम्युनिकेशंस में किया जाता है। इस सर्विस के लिए टेलिकॉम कंपनियों को अपने टावर नहीं चेंज करने होंगे।

5G स्पेक्ट्रम की बोली जुलाई के अंत तक संभव है। इस ऑक्शन में टेलीकाॅम सेक्टर के तीन बड़े प्लेयर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के शामिल होने की संभावना है। नीलामी लगाने वाले के पास 10 साल के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का भी विकल्प रहेगा।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम नीलामी का दूरसंचार विभाग का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है, इसके तहत जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सफल बोलीदाताओं को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा।' सरकार 20 वर्ष की वैधता वाले कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की जुलाई माह के अंत तक नीलामी करेगी। इसके अलावा विभिन्न निम्न, मध्यम और उच्च फ्रिक्वेंसी बैंड के लिए भी स्पेक्ट्रम नीलामी की जाएगी।

इसमें कहा गया, ''सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी, ऐसा पहली बार हो रहा है। स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 बराबर सालाना किस्तों में किया जाएगा और ये अग्रिम किस्तें प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में देनी होगी।''
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