भोपाल में पेट्रोल-डीजल के दाम में एक बार फिर उछाल, पेट्रोल 26 पैसे और डीजल 32 पैसे हुआ मंहगा
दरअसल, महंगाई की मार से जनता अब त्रस्त होने लगी है. पेट्रोल पर राज्य सरकार 33% वैट, 4.5 रुपए अतिरिक्त कर और 1% सेस लेती है. वहीं, डीजल पर राज्य सरकार 23% वैट, 3 रुपए अतिरिक्त कर और 1% सेस लेती है. ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम कम-ज्यादा होने से पेट्रोल डीजल के दाम पर फर्क पड़ता है. डीजल का इस्तेमाल खासतौर पर ट्रांसपोर्टेशन के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है तो डीजल के दाम बढ़ने से सीधे-सीधे बाकी चीजों के दाम बढ़ जाते हैं.
हर सुबह होती तय होती हैं कीमतें
बता दें कि विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत के आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है. वहीं, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कीमतों की समीक्षा के बाद रोज़ाना पेट्रोल और डीजल के रेट तय करती हैं. जिसमें इंडियन ऑयल , भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोज़ाना सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन कर जारी करती हैं.
तेल की कीमतों से हुई बढोत्तरी से लोगों की जेबों पर असर
गौरतलब है कि स्थानीय लोगों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से उनके बजट पर सीधा सीधा असर पड़ता है. जिस हिसाब से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, उनकी आमदनी में बढ़ोतरी नहीं हो रही. ऐसे में उनकी मजबूरी है कि पेट्रोल और डीजल भरवाना ही पड़ता है, लेकिन नुकसान तो हो रहा है. इस दौरान कुछ लोगों का कहना है कि इसी पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों से हमें मुफ्त में वैक्सीन, स्वास्थ्य सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर मिल रहा है. ऐसे में अगर दाम बढ़ते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है.
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