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दिग्विजय के शिशु मंदिर पर दिए बयान पर बोले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा- बच्चों को भी तुष्टीकरण की राजनीति में घसीट रहे, जानिए क्या है पूरा मामला


मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का एक बार फिर सुर्खियों में है. दिग्विजय सिंह का बयान कि शिशु मंदिर (Saraswati Shishu Mandir) में बच्चों के मन में नफरत का बीज बोया जाता है, के बाद फिर हंगामा खड़ा हो गया है. बीजेपी और दूसरे संगठनों ने दिग्विजय सिंह पर जमकर हल्ला बोला है. इतना ही नहीं, कुछ गोपनीय शिकायतों के आधार पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने प्रदेश के डीजीपी को चिट्ठी लिखकर मामले में कार्रवाई करने की मांग की है और एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया है. इसे लेकर कुछ छात्रों ने बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा के पास जाकर मामले की शिकायत भी की है. वहीं पूर्व छात्र अब एफआईआर दर्ज कराने पर अड़े हुए है.

दरअसल दिग्विजय सिंह ने अपने हाल के बयान में सरस्वति शिशु मंदिरों पर सवाल खड़े किए थे. दिग्विजय ने कहा था कि सरस्वति शिशु मंदिर में बच्चों के अंदर नफरत का बीज बोया जाता है. जो आगे धार्मिक वैमनस्य पैदा करता है, जिससे देश में दंगे होते हैं.

तुष्टीकरण की राजनीति के तहत दिग्विजय अब बच्चों को भी नहीं छोड़ रहे

दिग्विजय सिंह के सरस्वती शिशु मंदिर को लेकर दिए गए बयान के मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह अपने तुष्टीकरण की राजनीति के तहत अब बच्चों को भी नहीं छोड़ते हैं. बच्चों की मन स्थिति पर क्या असर पड़ेगा, इसका उन्हें ख्याल रखना चाहिए. वह खुद मुख्यमंत्री रहे हैं, और राज्यसभा के सांसद हैं. तुष्टीकरण की नीति के तहत बयान बाजी करते हैं. बाल आयोग के पत्र पर वैधानिक सलाह ले रहे हैं. रिपोर्ट के हिसाब से कार्यवाही की जाएगी.

‘मदरसे में वंदे मातरम का पाठ कराकर दिखाए दिग्विजय सिंह’

इस बयान को लेकर सरस्वति शिशु मंदिर से प्रबंधन और प्रदेश में इसका संचालन कर रहे आरएसएस के अनुषांगिक संगठन विद्या भारती के प्रांत अध्यक्ष डॉ राम भावसार से टीवी 9 भारतवर्ष ने खास बातचीत की. बातचीत में भावसार ने कहा कि शिशु मंदिर राष्ट्रीयता, एकता औऱ अखंडता का पाठ पढ़ाते हैं. दिग्विजय सिंह सिर्फ चर्चाओं में रहने के लिए इस तरह की बयान बाज़ी कर रहे हैं. शिशु मंदिर देश की वो संस्था है जो राष्ट्रभक्त तैयार करती है. शिशु मंदिर से निकले हुए युवा देश के अलग अलग हिस्सों में आज सेवा कार्य कर रहे हैं.

आर्मी, नेवी, पुलिस के साथ साथ आईएएस आईपीएस बड़ी संख्या में शिशु मंदिर से निकल रहे हैं. डॉ भावसार ने कहा कि अगर दिग्विजय सिंह को सरस्वति शिशु मंदिरों पर सवाल खड़े करना अच्छा लगता है तो किसी मदरसे में वंदे मातरम का पाठ कराकर दिखा दें.

2019-20 के आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में सरस्वति शिशु मंदिर की बात करें तो

औपचारिक रुप से
सरस्वति शिशु मंदिर- 12,830
स्वतंत्र शिशु वाटिका- 442
प्राथमिक स्कूल- 3782
पूर्व माध्यमिक- 5042
माध्यमिक- 2407
उच्च माध्यमिक- 1157

अनौपचारिक
एकल विद्यालय – 4935
संस्कार केंद्र – 6418

यानि कुल करीब 25000 सरस्वति शिशु मंदिर स्कूलों में करीब 34.47 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक इसमें करीब 80 हज़ार गैर हिंदू छात्र पढ़ते हैं. हाल ही में लॉन्च किए गए पूर्व छात्रों के पोर्टल पर 8 लाख से ज़्यादा बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जिसके बाद ये देश का सबसे बड़ा पूर्व छात्र पोर्टल बन गया है. इसमें 44 प्रांतों के बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.

शिशु मंदिर से पढ़े बच्चे हर फील्ड में आगे

डॉ भावसार ने बताया कि सरस्वति शिशु मंदिर शिवपुरी का ही एक पूर्व छात्र रवि गौतम था जो तालिबान से 132 नागरिकों को सुरक्षित लेकर हिंदुस्तान लौटा था. शुजालपुर के एक पूर्व छात्र कृष्णा माहेश्वरी ने समुद्री तूफान में फंसे 177 नागरिकों की जान बचाई थी. हाल में जारी हुए यूपीएससी परीक्षा परिणाम में 3 छात्र ऊर्वशी सेंगर (ग्वालियर), अभिषेक खंडेलवाल (होशंगाबाद) औऱ वंदना गुप्ता (अलीराजपुर) सरस्वति शिशु मंदिर से ही हैं. ये तो सिर्फ मध्य भारत प्रांत का डाटा है.पूरे देश में ये संख्या काफी ज़्यादा है.

सिर्फ मध्यप्रांत की बात करें तो इसमें 16 जिले हैं जिसमें

191 नगरीय शिशु मंदिर
461 ग्रामीण शिशु मंदिर
410 एकल विद्यालय
250 सरस्वति संस्कार केंद्र हैं
पूरे मध्यप्रदेश में 2832 से ज्यादा विद्यालय हैं जिसमें इसमें कुल 6 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं.

आंकड़ों के मुताबिक बीते कुछ सालों में 455 आईआईटी, 3800 बच्चे एमबीबीएस, 27000 बच्चे इंजीनियरिंग, 340 बच्चे आईपीएस और 98 बच्चे आईएएस में सिलेक्ट हो चुके हैं.

दिग्विजय सिंह खुद स्कूल आकर देखे

स्कूल के प्रिंसिपल शिवराज चौधरी ने दिग्विजय सिंह को सरस्वति शिशु मंदिर आने का इन्विटेशन दिया है. चौधरी ने कहा कि दिग्विजय सिंह खुद आकर स्कूल में कुछ समय बिताएं, उन्हें स्वयं एहसास हो जाएगा कि सरस्वति शिशु मंदिरों में क्या पढ़ाया जाता है.

शिशु मंदिर के पूर्व छात्रों ने की पुलिस से शिकायत

भोपाल के जहांगीराबाद थाने में सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व छात्रों ने बड़ी तादाद में पहुंचकर पुलिस को शिकायत आवेदन दिया है. जिसमें उन्होंने दिग्विजय सिंह पर भावनाओं को आहत करने की धाराओं के तहत केस दर्ज करने की मांग की है. पूर्व छात्रों की मांग है कि दिग्विजय सिंह के इस बयान के लिए उनको सजा दी जाए. सरस्वती शिशु मंदिर पूर्व छात्र परिषद के दिए गए आवेदन में धारा 153 (ए , बी) और 504, 506 के तहत केस दर्ज करने की मांग की गई है.

मीडिया सिर्फ बीजेपी के फायदे की बात दिखाता है

ये पहली बार नहीं है कि दिग्विजय सिंह या कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने सरस्वति शिशु मंदिर को लेकर सवाल खड़े किए हों. हाल के दिनों में दिग्विजय सिंह के बयानों से साफ है कि दिग्विजय सिंह विवादों को न्यौता दे रहे हैं. मामले में दिग्विजय सिंह से जब TV9 ने सवाल किया तो उन्होंन कहा कि मैं महंगाई और बेरोजगारी की बात करता हूं तो मीडिया नहीं दिखाता लेकिन जिस मुद्दे से बीजेपी को फायदा हो उसे मीडिया दिखाता है.

अब राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी गोपनीय शिकायत के आधार पर दिग्विजय सिंह पर केस दर्ज करने की संस्तुति की है. डीजीपी को चिट्ठी लिखकर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जांच की मांग की है.

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