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RBI गवर्नर बोले- पिछले साल जैसे लॉकडाउन की आशंका नहीं


भारतीय रिजर्व बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहा है। पीटीआई के मुताबिक गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि हम सरकारी बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं, प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।  उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई कीमत और वित्तीय स्थिरता बनाये रखते हुए अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के लिए अपने सभी नीतिगत उपायों के उपयोग को लेकर प्रतिबद्ध है। दास ने टाइम्स नेटवर्क इंडिया एकोनॉमिक कॉनक्लवे में कहा, ''हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं और इस संदर्भ में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय किसी को भी पिछले साल जैसे लॉकडाउन की आशंका नहीं है।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक पुनरुद्धार निर्बाध रूप से जारी रहना चाहिए, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आरबीआई के 10.5 प्रतिशत वृद्धि अनुमानों को घटाने की जरूरत नहीं लगती।

सेवाओं की बेहतर डिलिवरी के लिए वित्तीय क्षेत्र में नवप्रवर्तन की जरूरत पर बल देते हुए आरबीआई गवर्नर ने नवोन्मेष को बढ़ावा देने वाले प्रभावी नियमन का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ''आरटीजीएस और एनईएफटी की सुविधा अब 24 घंटे उपलब्ध है। आरटीजीएस में विभिन्न मुद्राओं में लेन-देन की क्षमता है। इस बात की संभावना पर विचार करने की जरूरत है कि क्या इसका दायरा भारत से बाहर भी बढ़ाया जा सकता है।

274 करोड़ डिजिटल लेन-देन को सुगम बनाया

दास ने कहा, ''रिजर्व बैंक के लिए प्रभावी नियमन प्राथमिकता है और कायदा-कानून ऐसे नहीं होने चाहिए जो वित्तीय प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करे।  उन्होंने यह भी कहा कि मजबूत पूंजी आधार के साथ बैंक क्षेत्र की वित्तीय सेहत, नैतिक मानदंडों के साथ संचालन व्यवस्था बनाये रखना हमारी प्राथमिकता है।  दास ने कहा कि ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन की महत्वपूर्ण भूमिका है। लोगों को प्रत्यक्ष अंतरण लाभ पहुंचाने के लिए 274 करोड़ डिजिटल लेन-देन को सुगम बनाया गया और इसमें ज्यादातर महामारी के दौरान हुए।

क्रिप्टो करेंसी के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक इस संदर्भ में वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंताओं का आकलन कर रहा है।  दास ने कहा कि हमने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत कराया है, इस पर विचार किया जा रहा है। सरकार इस पर निर्णय करेगी।  हमने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत कराया है, इस पर विचार किया जा रहा है, सरकार इस पर फैसला करेगी। मुझे नहीं लगता कि क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई और सरकार की राय में कोई अंतर है। उन्होंने कहा कि इस समय किसी को भी पिछले साल जैसे लॉकडाउन की आशंका नहीं है।

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