बिलासपुर : कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर द्वारा आदेश जारी
नगरीय क्षेत्रों में व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालन का निर्धारित किया गया समय
वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने फलस्वरूप जिला प्रशासन के द्वारा प्रत्येक स्तर पर पूर्व में अधिरोपित प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने हेतु धारा 144 प्रभावशील की गयी है।
जिले में प्रभावशील धारा 144 के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर द्वारा समस्त नगरीय निकायों एवं नगर निगम बिलासपुर के सीमा क्षेत्र भीतर स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालन का समय निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार सभी प्रकार की स्थाई एवं अस्थाई दुकानें प्रातः 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक, रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा प्रातः 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुलेंगी। इसी प्रकार रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा से केवल टेक-अवे एवं होम डिलवरी रात्रि 11.30 बजे तक होगी।
पेट्रोल पम्प एवं मेडिकल स्टोर्स उपरोक्त नियत्रंक से मुक्त रहेंगे। इसके अतिरिक्त वस्तुओं एवं सेवाओं के आवागमन भी उक्त प्रतिबंध से मुक्त होंगे। सभी दुकानों के सामने दुकानदारों को स्वयं फलैक्स छपवाकर दुकानों के खुलने एवं बंद करने की समय सीमा को प्रदर्शित करना होगा। सभी व्यापारियों, कर्मचारियों, ग्राहकों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। समस्त व्यापारिक गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। सभी व्यासायिकों को अपने दुकान, संस्थान में विक्र्रय हेतु मास्क रखना अनिवार्य होगा, बिना मास्क पहने खरीददारी करने के लिए आये ग्राहकों को सर्वप्रथम मास्क विक्रय का वितरण किया जाए एवं तत्पश्चात अन्य वस्तुओं, सेवाओं का विक्रय किया जाए। प्रत्येक दुकान, संस्थान में स्वयं तथा आगंतुको के उपयोग हेतु सेनेटाईजर रखना अनिवार्य होगा, अगर किसी बाजार या अन्य किसी क्षेत्र में कंटेनेमेंट जोन घोषित हो जाता है तो उस क्षेत्र के समस्त व्यवसाय बंद हो जाएंगे एवं उस क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन के समस्त नियमों का पालन करना होगा। यदि किसी व्यवसायी के द्वारी उपरोक्त शर्ताें में से किसी एक या एक से अधिक शर्ताें का उल्लंघन किया जाता है तो उसकी दुकान संस्थान को तत्काल प्रभाव से 15 दिवस के लिए सील कर दिया जाएगा। आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा सहपठित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं महामारी नियंत्रण अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत दण्डनीय होंगे।
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